इस ज्ञापन में मुख्य रूप से अभियंताओं ने कहा है कि उनका उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा सरकार ने जिन सात अभियंताओं को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्ति दी है उन्हें बहाल किया जाए। इंजीनियरों ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई का विरोध नहीं करते लेकिन लेकिन प्रदेश में 7 अभियंताओं को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्ति दिया जाना भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन नहीं है। यह कहते हुए उन्होंने उदाहरण दिया कि जिन सात अभियंताओं को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्ति दी गई है उनमें से एक अभियंता वह भी हैं जिन्होंने कुंभ में काम किया था और उन्हें उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित भी किया गया था, उनको भी जबरन सेवानिवृत्ति दी गई है। इससे साफ है कि सभी साथ अभियंताओं के खिलाफ गलत कार्रवाई हुई है।
इस तरह से सहारनपुर ( Saharanpur ) कलेक्ट्रेट में अपनी मांग को दोहराते हुए अभियंताओं ने प्रदेश सरकार ( UP government ) से अपील की है कि सरकार अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करें और जिन अभियंताओं को अनिवार्य सेवनिर्वत्ति दी गई है उन्हें बहाल किया जाये।