दरअसल अब सभी प्लास्टिक उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को अपशिष्ट वेस्ट को नियंत्रित करना होगा उन्हें अपने बेस्ट को स्वयं निष्पादित करना होगा इसके लिए पूरी जिम्मेदारी फैक्ट्री मालिक की होगी। अभी तक नियमित ने सख्त नहीं थे लेकिन बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए अब यह फरमान जारी हुआ है कि प्लास्टिक उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को एक्सटेंड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी स्वयं कंपनी प्रबंधन को जमा करनी होगी और उसके लिए अपनी जिम्मेदारी भी लेनी होगी।
इन्हीं नियमों के तहत सहारनपुर में 37 ऐसी इकाइयों को नोटिस जारी किए गए हैं जो प्लास्टिक उत्पाद बना रही हैं। इन सभी को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन और वितरण पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। इनमें बैलून, कैंडी में लगी डंडी, प्लास्टिक की प्लेटें, थर्माकोल की प्लेट, कप, ग्लास, कटलरी, कांटा, चम्मच, छुरी, ट्रे, मिठाई के डिब्बे लपेटने के लिए पतली प्लास्टिक को भी बंद कर दिया गया है। सिगरेट पैकेट की पैकेजिंग भी अब बंद हो गई है।100 माइक्रोन से कम के पीवीसी बैनर भी अब नहीं बनेंगे। इनको भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। अगर प्रतिबंधित सामान बनाने वाली कोई भी कंपनी पकड़ी जाती है तो उसको सील कर दिया जाएगा। सिर्फ उत्पाद बनाने ही नहीं इस उत्पाद को बेचने वाले व्यापारियों पर भी कार्रवाई होगी