अपने आदेशों में मंडलायुक्त ने कहा है कि निर्माण कार्याें की गुणवत्ता में किसी प्रकार का समझौता न किया जाए। मण्डल में प्राथमिकता वाले तथा 50 लाख से अधिक लागत के निर्माण कार्यों की जांच के लिए तकनीकि समिति बनाकर गुणवत्ता की जांच कराई जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि मण्डल के सभी शासकीय सार्वजनिक भवनों की स्थिति का भौतिक सत्यापन सक्षम अधिकारियों के द्वारा कराया जाए।
सहारनपुर मंडल आयुक्त एवी राजमौलि ने यह आदेश सहारनपुर मुजफ्फरनगर और शामली के जिलाधिकारियों को दिए और कहा कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के लिए समय-समय पर प्रशासनिक, वित्तीय तथा तकनीकि अधिकारियों के दल गठित कर जांच कराई जाए। अद्योमानक निर्माण कार्यों में संलप्ति कार्यदायी संस्थाओं के विरूद्ध दण्ड़तात्मक कार्यवाही के आदेश भी दिए।
जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि अपने-अपने जनपदों में सक्षम अधिकारियों की टीम बनाकर सभी सर्वाजनिक भवनों यथा प्राईमरी पाठशालाएं, जूनियर हाई स्कूल, इण्टर काॅलेज तथा डिग्री काॅलेज आदि के भवनों की गहनता से जांच कराई जाएं । यह सुनिशिचत किया जए कि विद्यालय जर्जर भवन में तो संचालित नहीं है। इसी प्रकार सरकारी अस्पताल, सामुदायिक एवं प्राईमरी स्वास्थ्य केंद्र, एएनएम सेंटर, आंगनबाडी केन्द्रों, सरकारी कार्यालयों के भवन, सरकारी कालोनियों के भवन,गेस्ट हाऊस, बिजली घर, शमशान घाटों के भवन, सार्वजनकि उपयोग के सभी सरकारी भवनों की भी जांच करा ली जाए। इस दौरान अगर कोई भी भवन जर्जर हालत में मिलता है तो ऐसे कार्यालय को किसी वैकल्पिक भवन में स्थानांतरित कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि शासन के निर्देशों के अनुरूप जर्जर भवन के ध्वस्तीकरण की तत्काल कार्यवाही अमल में लाई जाए।