हम बात कर रहे हैं, सहारनपुर मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर शिवालिक की पहाड़ियों की तलहटी में स्थित शाकुम्भरी सिद्धपीठ की। मां शाकुम्भरी का यह स्वरूप बिल्कुल अलग है। यहां मुख्य मंदिर में आपको सताक्षी देवी, शाकुम्भरी देवी, ब्राह्मरी देवी और भीमा देवी के साथ-साथ गणेश भगवान के दर्शन हाेते हैं। ऐसी मान्यता है कि माता के दर्शन करने मात्र से विद्या और बुद्धि का फल प्राप्त हाेता है।
ऐसे पहुंचेंगे शाकुम्भरी देंवी मंदिर अगर आप भी शाकम्भरी सिद्धपीठ के दर्शन करना चाहते हैं ताे इसके लिए आपकाे सहारनपुर पहुंचना हाेगा। यहां आप रेल और सड़क दाेनाें मार्गाें से पहुंच सकते हैं। सहारनपुर से करीब 40 किलाेमीटर की दूरी पर बेहट विधान सभा क्षेत्र में शिवालिक की पहाड़ियाें की तलहटी में माता का मंदिर है। यहां टैक्सी के अलावा प्राईवेट बस से भी जाया जाता है।
ऐसे करेंगे दर्शन माता शाकुम्भरी देवी के दर्शन करने के लिए यहां हर राेज श्रद्धालु पहुंचते हैं। शारदीय नवरात्र में यहां लाखाें की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और एक महीने तक यहा मेला लगता है। माता के दर्शन करने से पहले सभी भक्तों काे बाबा भूरादेव के दर्शन करने हाेते हैं। भूरा देव के दर्शन करने के बाद ही भक्त माता के पावन सिद्धपीठ की ओर बढ़ते हैं और शीश नवाते हुए मां के दर्शन करते हैं।
मुराद पूरी हाेने पर लेटकर दर्शन करने आते हैं भक्त ऐसी मान्यता है कि मां शाकुम्भरी देवी के दरबार से काेई भी भक्त खाली हाथ नहीं जाता है। मां सभी की मुराद पूरी करती हैं। जब यहां श्रद्धालुओं की मुराद पूरी हाे जाती हैं ताे कुछ श्रद्धालु भूरा देव के मंदिर से माता के मंदिर तक लेटकर जाते हैं। इस बीच भक्त लेटकर ही नदीं काे भी पार करते हैं।
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