बताया गया है कि दोबारा पास नहीं होने वाले शिक्षकों को अनिवार्य सेवा निवृत्ति देने का निर्णय मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित विभागीय बैठक में लिया गया था। जिस पर कहा गया था कि अक्टूबर माह में दूसरी बार जो शिक्षक परीक्षा पास नहीं कर सकेंगे उन्हें सेवा से पृथक कर दिया जाएगा। 20-50 फार्मूले के अनुसार जिनकी सेवा 20 साल हो चुकी है अथवा 50 साल की उम्र हो चुकी है उन्हें पदीय दायित्व पूर्ति न करने पर अनिवार्य रूप से सेवा से पृथक कर दिया जाएगा।
बताया गया है कि इन शिक्षकों को अनिवार्य सेवा निवृत्ति देने से पहले सभी की कॉपियां मुख्यालय मंगाई गई हैं। यहां इन शिक्षकों की उत्तर पुस्तिकाओं को देखा जाएगा। इसके पीछे वजहों में बताया गया है कि विभाग की मंशा है कि यह सेवा से हटाने से पहले संतुष्ट हो लिया जाए कि कहीं गलत मूल्यांकन के कारण कोई शिक्षक तो फेल नहीं हुआ है।
बताया गया है कि इस परीक्षा में रीवा संभाग की स्थिति सबसे दयनीय रही है। प्रदेश में सबसे ज्यादा संख्या में सतना जिले के शिक्षक फेल हुए। इसके बाद रीवा में फेल होने वाले शिक्षकों की संख्या 9 रही जो प्रदेश में दूसरे स्थान पर रहा। यह स्थिति तब है जब संभागायुक्त सहित संभाग के स्कूल शिक्षा विभाग अधिकारी सहित जिले के अन्य अधिकारी लगातार शिक्षा महकमे पर अपना फोकस बनाए हुए हैं।
जून माह में फेल हुए शिक्षकों की दोबारा परीक्षा 14 अक्टूबर को कराई गई थी। इस परीक्षा में जो शिक्षक अनुपस्थित रहे थे उन्हें विभाग अंतिम अवसर देने जा रहा है। इनकी परीक्षा 23 अक्टूबर को आयोजित की गई है। यह परीक्षा 10 बजे से प्रारंभ होगी। जो इसमें शामिल नहीं होगा उनके विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।