खरीफ वर्ष 2018-19 में प्रदेश सरकार ने जिले के लगभग 40 हजार पंजीकृत किसानों से 385 करोड़ रुपए की उपज खरीदी थी। इसमें से 360 करोड़ रूपए का भुगतान कर दिया गया है पर सरकार का खजाना खाली होने की मार जिले के 1750 किसानों पर पड़ी है। सरकार ने इन किसानों का 24.66 करोड़ रुपए का भुगतान दबा रखा है।
राहत बनी आफत सरकार द्वारा भुगतान नहीं करने पर समर्थन मूल्य के रूप में किसानों को दी गई सरकारी राहत अब आफत बन गई है। मार्च में किसी को अपनी बेटी के विवाह के लिए पैसे की जरूरत है तो किसी को अन्य कार्य के लिए। होली का त्योहार सिर पर है। ऐसे में किसान अपना अनाज बेचने के बाद पैसे के लिए बैंकों के चक्कर लगा रहा है। पीडि़त किसानों का कहना है, यदि मंडी में उपज बेचते तो कुछ रुपए कम ही सही पर पैसे मिल गए होते।
चुनाव में बिजी प्रशासन
दो माह से लगातार समिति एवं बैंक के चक्कर लगा रहे किसानों को कहीं से भी राहत नहीं मिल रही। पीडि़त किसानों ने कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री से गुहार लगाई। प्रशासन किसानों का भुगतान भूल चुनाव में बिजी है। अधिकारियों से शिकायत करने पर एक ही जवाब मिलता है कि हमने लिस्ट भेज दी है।
ऐसी है हकीकत धान
कुल खरीदी 329.03 करोड़
कुल भुगतान 316.82
बकाया राशि 12.21 उड़द
कुल खरीदी 56.18 करोड़
कुल भुगतान 43.98
बकाया राशि 12.20 मूंग
कुल खरीदी 47.15 लाख
कुल भुगतान 22.21
बकाया राशि 24.14
कुल बकाया 24.66 करोड़