पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि कुछ चरवाहे जंगल में मवेशी चराने गए थे। तभी उन्होंने जंगल की एक चट्टान पर इंसान की खोपड़ी और एक हाथ देखा जिसे जानवर नोच रहे थे। चरवाहों ने पुलिस को खबर दी जिसके बाद जांच कार्रवाही शुरू हुई। मृतक की पहचान अमझर निवासी शंभू साकेत पुत्र भाऊ साकेत (४५) के रूप में की गई है। यह बात सामने आई है कि शंभू की मानसिक हालत ठीक नहीं रहती थी। इसलिए वह घर से कई दिनों के लिए लापता हो जाता था। आखिरी बार वह एक मार्च को घर से निकला और फिर वापस नहीं लौटा। आशंका है गांव से करीब ४ किमी दूर कि जंगल में रहने के दौरान शंभू डिहाइड्रेशन का शिककार हुआ और उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने जंगसे सेे बरामद मानव अंग को पोस्टमार्टम के लिए मैहर के सिविल अस्पताल भेजा था। जहां से रीवा मेडिकल कॉलेज की फॉरेंसिक यूनिट को रेफर किया गया है। देर हो जाने पर मानव अंग अमरपाटन की मरचुरी में सुरक्षित रखे गए हैं। अब मंगलवार की सुबह रीवा भेजे जाएंगे।