भारत सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम २००५ के तहत सपूर्ण देश में लॉक डाउन घोषित करते हुए इसके प्रतिबंधों का पालन कराने का जिमा प्रदेश सरकारों और जिला प्रशासन को दिया था। संपूर्ण लॉक डाउन के बीच भी यह देखने में आया कि कई स्थानों पर प्रतिबंधात्मक आदेश के बीच भी जिला स्तर पर अन्य जिलों या राज्यों में जाने के लिए लोगों को पास दिए जाने लगे थे। यह जानकारी केंद्र सरकार के संज्ञान में आने के बाद केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने न केवल इस मामले में गंभीर आपत्ति जताई बल्कि कलेक्टर को पत्र लिख कर नाराजगी भी जाहिर की। इसमें कहा कि कोरोना प्रसार के रोकथाम के लिए आदेश दिए गए थे, लेकिन इसके विपरीत काफी संया में लोग पलायन कर रहे हैं। जिला स्तर से भी पास जारी किए जा रहे, जो कि लॉक डाउन के उपायों का उल्लंघन है। साथ ही दोबारा स्पष्ट आदेश जारी करते हुए कहा कि जिला मजिस्ट्रेट इस पर तत्काल प्रभावी कार्रवाई करें।
सभी अनुमतियां निरस्त
भारत सरकार के इस आदेश के बाद जिले से अन्य जिलों और राज्यों के लिए जारी किए गए सभी पास निरस्त कर दिए गए हैं। अब किसी भी प्रकार के ऐसे पास जारी करने पर सत रोक लगा दी गई है। सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी और मृत्यु की दशा में पास जारी होंगे।
14 दिन क्वारंटाइन में
अन्य राज्यों और जिलों से आए लोगों के लिए भी तय किया गया है कि ऐसे लोगों को १४ दिनों तक उचित स्क्रीनिंग के बाद निकटतम आश्रय स्थलों में क्वारंटाइन कर रखना है। जो लोग बाहर से हैं और बेघर तथा बेसहारा हैं उनके भोजन पानी की पुता व्यवस्था भी की जाएगी।
श्रमिकों को बिना कटौती वेतन
भारत सरकार के इस आदेश के बाद सभी नियोक्ता, चाहे वह उद्योग में हों या दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में उन्हें निर्देशित किया गया है कि वे अपने श्रमिकों के वेतन का भुगतान उनके कार्य स्थलों पर, नियत तिथि पर, बिना किसी कटौती के करेंगे। भले ही इस अवधि में प्रतिष्ठान बंद रहे हैं।