प्रभारी सचिव ने साइकिल वितरण की स्थिति जानी। इस पर जिले की प्रगति बताई गई। प्रभारी सचिव ने 31 जुलाई वितरण की अंतिम तिथि बताई। कलेक्टर ने कहा कि ब्लाकों में साइकिल कसने के लिए जितने मिस्त्री लगे हैं उनकी गति इतनी नहीं कि इस तिथि तक वितरण कर सकें। 15 अगस्त तक वितरण पूरा कर लेने की बात कही। इस पर प्रभारी सचिव ने कहा कि जितनी साइकिल तैयार होती जाएं उनका वितरण करते जाएं। एक बड़े नंबर तक इंतजार न करें। ताकि योजना का लाभ बच्चों को मिल सके। गणवेश वितरण में बताया गया कि यहां पालकों को राशि दे दी गई है। इस पर प्रभारी सचिव ने सवाल किया कि अन्य जिलों में तो गणवेश वितरित किए जा रहे हैं। इस पर कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि पालकों को देने से कमीशन आदि की शिकायतें नहीं हैं और पालक अपने से कुछ राशि मिलाकर बेहतर गणवेश दिलवा रहे हैं और स्कूलों में बच्चे गणवेश में आ रहे हैं।
प्रभारी सचिव ने सामाजिक न्याय विभाग की समीक्षा में वृद्धों की संख्या पर सवाल दागे। पूछने पर बताया गया कि यहां 88 हजार के लगभग वृद्ध हैं। इस पर उन्होंने चिकित्सा विभाग से पूछा कि कुल जनसंख्या के कितने फीसदी वृद्ध होते हैं। 6 से 9 फीसदी की बात सामने आई। बताया गया कि इस मान से तो 2 लाख के लगभग वृद्ध होने चाहिए। इस पर कलेक्टर को यह मामला चेक करवाने को कहा। खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए। मनरेगा की मजदूरी भुगतान पर भी सवाल खड़े किए।
आयुष विभाग की ओर से बताया गया कि उनके यहां भवन की कमी है। इस पर प्रभारी सचिव ने व्यवस्था देते हुए कलेक्टर से कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में जगह उपलब्ध करवा कर आयुष चिकित्सकों के बैठने की तत्कालिक व्यवस्था की जाए। कहा कि जल्द ही आयुर्वेद विभाग के अस्पतालों के भवन की व्यवस्था की जाएगी। 10 स्वास्थ्य केंद्रों को 1 माह के अंदर बेहतर बनाकर फोटो दिखाने के निर्देश सीएमएचओ को दिए गए।
समीक्षा में मिला कि रामपुर, उचेहरा और मझगवां में ब्लड स्टोरेज सेंटर की व्यवस्था नहीं है। इस पर इसकी लागत पता की गई। बताया गया कि एक से सवा लाख का खर्चा है। इस पर एक सेंटर के लिए अगले कुछ दिनों में व्यवस्था कराने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने कहा कि वे अपने स्तर पर शेष सीएचसी में ब्लड स्टोरेज सेंटर की व्यवस्था तय कर देंगे।
प्रभारी सचिव ने कहा कि मोटर पंप की खराबी से कोई हैंडपंप बंद नहीं होना चाहिए। कलेक्टर ने कहा कि डीएमएफ से व्यवस्था की जा रही। इस पर प्रभारी सचिव ने कहा कि हर अस्पताल में पानी की व्यवस्था हर हाल में करें। जहां कमी है, उसके प्रस्ताव बनाकर भेज दें। कलेक्टर ने कहा कि जहां भी पानी की व्यवस्था नहीं होगी वहां बोरिंग करा दी जाएगी।
प्रभारी सचिव ने कहा कि नई व्यवस्था के तहत आपकी सरकार आपके द्वार के जहां भी शिविर लगेंगे वहां स्वास्थ्य विभाग का भी शिविर लगवाया जाए। यहां शिकायत निराकरण के साथ ही स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान की जाएं।