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सतना

सेल की माइनिंग लीज पर स्थापित हो गए क्रेशर व बोरा फैक्ट्री

– पुलिस चौकी, स्कूल से लेकर हाइवे तक स्थापित

सतनाJun 12, 2019 / 11:30 pm

Bharat bhushan Shrivastav

satna - Mining lease

satna – Mining lease

सतना. स्टील ऑथारिटी ऑफ इंडिया (सेल) भारत सरकार की नवरत्न कंपनियों में एक रही है। इसका कारोबार कभी सतना में भी रहा। 1960 के दशक में कंपनी को बाबूपुर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर माइनिंग लीज स्वीकृत हुई थी। बाद में ये कंपनी सतना जिले में बंद हो गई और कारोबार को समेट लिया। लेकिन, इसकी माइनिंग लीज आज भी रिकार्ड में दर्ज हैं। जिसे किसी को स्थानांतरित नहीं किया गया है। कुछ भाग जेपी सीमेंट को सशर्त दी गई है। लेकिन, अन्य हिस्से की माइनिंग लीज धीरे-धीरे खुर्द-बुर्द हो रही है। इस पर लगातार नए प्रतिष्ठान, फर्म व संस्थान स्थापित होते जा रहे हैं। कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी जिले में नहीं होने के कारण कोई देखने वाला भी नहीं है। ऐसा ही मामला बाबूपर क्षेत्र का है, जहां वर्ष 2017 में श्री शारदा पॉली टैक्नो प्राइवेट लिमिटेड नाम से बोरा फैक्ट्री स्थापित हो गई। इसके स्थापना पर ही सवाल खड़ा होता है। इसी तरह सेल की माइनिंग लीज पर ही स्कूल व बाबूपुर चौकी स्थापित हैं, बाबूपुर चौराहा भी उसके दायरे में है। सेल की लीज पर ही क्रेशर तक स्थापित हो चुके हैं। लेकिन, कंपनी के अधिकारी नहीं होने के कारण आपत्ति करने वाला कोई नहीं है। वहीं जिला प्रशासन व्यक्ति विशेष के रसूख अनुसार निर्णय लेते जा रहा है।
471 नंबर प्लाट
श्री शारदा पॉली टैक्नो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बाबूपुर में 471 नंबर प्लाट पर स्थापित है। जबकि खनिज विभाग से आरटीआई के तहत मिली जानकारी अनुसार इस नंबर की आराजी सेल के नाम पर माइनिंग लीज स्वीकृत है। जानकार कहते हैं कि माइनिंग लीज पर कंपनी, क्रेशर या इंडस्ट्रीज स्थापित हो सकती है। लेकिन, संबंधित संस्थान से सशर्त अनुमति लेनी होती। ताकि भविष्य में माइनिंग की जाए, तो संबंधित फर्म को हटाया जा सके।
सशर्त अनुमति के कई उदाहरण

जिले में माइनिंग लीज एरिया में स्थापना से पहले सशर्त अनुमति के कई उदाहरण है। उमरी में क्रेशर स्थापित किया गया, यहां रेवती सीमेंट की लीज थी, संबंधित कंपनी से क्रेशर संचालक ने सशर्त अनुमति ले रखी है। इसी तरह लालपुर में सर्वेश्वरी कंपनी की माइनिंग लीज है, जिससे सशर्त अनुमति लेकर धर्मेंद्र सिंह ने क्रेशर स्थापित किया। देवरा में भी स्टार क्रेशर की स्थापना भी सशर्त अनुमति लेने के बाद हुई।
बोरा कंपनी के अनुमति पर सवाल
श्री शारदा पॉली टैक्नो प्राइवेट लिमिटेड बोरा कंपनी के सेल से अनुमति लेने को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता बिजेंद्र पांडेय सवाल खड़ा करते हैं। उनका कहना है कि सेल से अनुमति के बगैर ही कंपनी को स्थापित कर दिया गया। वहीं कंपनी के मैनेजर जीएस मिश्रा कहते हैं कि मेरी जानकारी अनुसार कंपनी सभी नियमों का पालन करते हुए स्थापित हुई है। लेकिन, लीज एरिया में स्थापना को लेकर पूरी जानकारी नहीं होने की बात भी करते हैं।
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