सतना

तापमान में गिरावट से फिर सक्रिय हुए स्वाइन फ्लू और इन्फ्लूएंजा के वायरस

तीन को स्वाइन फ्लू और एक को इन्फ्लूएंजा

सतनाSep 19, 2019 / 01:09 pm

suresh mishra

Swine flu and influenza virus activated due to drop in temperature

सतना। बारिश के बाद तापमान में हुई गिरावट के साथ ही स्वाइन फ्लू का वायरस एक बार फिर से सक्रिय हो गया है। यह तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा। गजिगवां की युवती, कोटर के अधेड़ और सतना में महिला के स्वाब टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आए हैं। एक साथ तीन पीडि़तों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। जिम्मेदारों ने एक बार फिर अलर्ट जारी किया है। स्वास्थ्य केंद्रों की ओपीडी में आने वाले सर्दी-जुकाम पीडि़तों का रिकार्ड रखने के निर्देश दिए हैं।
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बताया गया, कोटर निवासी राम हृदय गौतम (47) बीते एक सप्ताह से सर्दी-जुकाम से पीडि़त थे। परिजनों ने पीडि़त का पहले स्थानीय स्तर पर इलाज कराया, लेकिन आराम नहीं मिला। तब परिजनों ने स्वास्थ्य केंद्र में दिखाया। वहां चिकित्सकों ने आशंका होने पर मेडिकल कॉलेज में इलाज कराने का परामर्श दिया।
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परिजन पीडि़त को आनन-फानन मेडिकल कॉलेज जबलपुर लेकर पहुंचे। इसी प्रकार कोटर के गजिगवां निवासी 19 वर्षीय शिवानी शुक्ला और टीसीएल कॉलोनी निवासी 45 वर्षीय अर्चना गुप्ता भी 15 दिनों से सर्दी-जुकाम से पीडि़त थी। दोनों ने सतना में निजी क्लीनिक में उपचार कराया लेकिन आराम नहीं मिला। चिकित्सकों के परामर्श पर वे भी जबलपुर निजी हॉस्पिटल इलाज कराने पहुंचे।
डेंगू संदिग्ध युवक की मौत, महकमे को भनक नहीं
चार दिन से निजी हॉस्पिटल में दाखिल डेंगू संदिग्ध युवक की हालत बुधवार को नाजुक हो गई। चिकित्सकों के परामर्श के बाद परिजन पीडि़त को जबलपुर लेकर जा रहे थे, लेकिन उचेहरा के पास युवक ने दम तोड़ दिया। जिला मलेरिया विभाग को डेंगू संदिग्ध की मौत के बाद भी भनक तक नहीं लगी। बताया गया कि बाबुपुर फुटौंधा निवासी 35 वर्षीय मान सिंह को चार दिन पहले शहर के निजी हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया था। वहां रैपिड किट जांच के बाद चिकित्सकों ने पीडि़त को डेंगू की आशंका जताई थी। बुधवार को पीडि़त की तबीयत अचानक बिगड़ गई। चिकित्सकों के परामर्श पर परिजन पीडि़त को जबलपुर लेकर जा रहे थे, लेकिन पीडि़त ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
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खरवाही का अधेड़ इन्फ्लूएंजा पॉजिटिव
इधर, रामपुर बाघेलान के खरवाही निवासी सौखीलाल दस दिनों से भी अधिक समय से सर्दी-जुकाम से पीडि़त था। परिजनों ने पीडि़त का पहले रामपुर और सतना में इलाज कराया पर आराम नहीं मिला। सतना में चिकित्सकों ने आशंका होने पर मेडिकल कॉलेज में इलाज कराने का परामर्श दिया। परिजन पीडि़त को आनन-फानन मेडिकल कॉलेज जबलपुर लेकर पहुंचे। जांच के बाद सौखीलाल को एच-३ एन-2 वायरस से पीडि़त होने की पुष्टि हुई।
कोटर, गजिगवां और सतना में प्रकोप
राम हृदय को मेडिकल कॉलेज जबलपुर में दाखिल कराया गया। शिवानी को मेट्रो हास्पिटल जबलपुर और अर्चना गुप्ता को भी निजी हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया। तीनों के स्वाब के नमूने लेकर आईसीएमआर जबलपुर भेजे गए। जांच रिपोर्ट में तीनों पीडि़तों को स्वाइन फ्लू एच-1 एन-1 की पुष्टि हुई।
इन्फ्लूएंजा से तीन मौत, सात पॉजिटिव
जिले में दो माह के अंदर इन्फ्लूएंजा वायरस की चपेट में आकर तीन लोग दम तोड़ चुके हैं। सात लोगों को इन्फ्लूएंजा की पुष्टि हुई, जो इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। तापमान में गिरावट के साथ रामपुर के खरवाही में फिर एक पॉजिटिव सामने आने से महकमा दहशत में है।
क्या है स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू एक संक्रामक बीमारी है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलती है। स्वाइन फ्लू के ज्यादातर बरसात के मौसम में फैलने का खतरा रहता है। इसे शूकर इन्फ्लूएंजा या एच1 एन1 भी कहते हैं। इन्फ्लूएंजा विषाणु सुअरों में पाया जाता है। -सूअर के सीधे संपर्क में आने पर यह मनुष्य में भी फैल जाती है। स्वाइन फ्लू में बुखार और जुकाम जैसे लक्षण दिखने लगते हैं।
लक्षण
स्वाइन फ्लू होने पर सर्दी, जुकाम, सूखी खांसी होना, थकान होना, सिरदर्द और आंखों से पानी आना, सांस फू लना, जोड़ों में सूजन, उल्टी और डायरिया भी हो सकता है।

इन्फ्लुएंजा क्या है
इन्फ्लुएंजा एक तरह का वायरस है, जो हमारे श्वसन तंत्र का संक्रामक रोग है। इसे फ्लू भी कहते हैं। फ्लू तीन प्रकार का होता है। ए, बी और सी। ए और बी इन्फ्लुएंजा का कारण बनता है। इन्फ्लुएंजा वायरस नाक, आंख और मुंह द्वारा प्रवेश करता है। एक से दूसरे व्यक्ति में खांसने, छींकने या संपर्क में रहने से फैल जाता है। घर का एक सदस्य इस संक्रमण का शिकार है तो दूसरे भी प्रभावित हो जाते हैं।
लक्षण
थकान महसूस होती है, गले में कफ का जमाव, निगलने में दिक्कत, कमजोरी, थोड़ा चलने पर या कोई कार्य करने पर चक्कर, ठंड लगना, बुखार आना, बुखार तेज या कम हो सकता है। बुखार 100 से 103 डिग्री तक हो सकता है। लेकिन, संक्रमण अधिक होने पर बुखार 106 डिग्री तक पहुंच जाता है। सांस लेने में परेशानी, त्वचा नीली पडऩा, मांसपेशियों और सिरदर्द इसके प्रमुख लक्षण हैं।
ये बरतें सावधानियां
खांसते और झींकते समय टीशू लगाएं। बाद में इस टीशू को नष्ट कर दें। बाहर से आकर हाथों को साबुन से अच्छे से धोएं और एल्कोहल बेस्ड सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें। मास्क पहनना चाहिए। भीड़भाड़ वाले स्थान स्टेशन, समारोह में जाने से बचना चाहिए।
फ्लू और सर्दी में अंतर
सर्दी लगने पर बुखार नहीं आता, स्वाइन फ्लू होने पर तेज बुखार आता है। सर्दी में सिर व बदन दर्द कम होता है, जबकि स्वाइन फ्लू में तेज सिरदर्द होता है। सर्दी में कम कमजोरी आती है, स्वाइन फ्लू से ज्यादा कमजोरी। सर्दी में नाक जाम होती है, स्वाइन फ्लू से नाक अमूमन जाम नहीं होती।

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