यहां जयपुर के चिकित्सा विशेषज्ञों तक की टीम दौरा कर चुकी है। वहीं 24 घंटे चिकित्सक सुविधा मुहैया है। छाण गांव में गंदगी, कीचड़ आदि से मच्छरों के पनपने से भी बीमारियों हो रही है। लेकिन, यहां ग्राम पंचायत ग्राम पंचायत के पास सफाई के नाम पर बजट ही नहीं होता है। कुछ लोगों में हुई यह बीमारी धीरे-धीरे पूरे गावं मे फैल रही है। अभी भी मरीजो की भरमार है जिसके चलते राजीव गांधी सेवा केंद्र व ग्राम पंचायत भवन अस्पताल बन चुके है। मरीजों के परिजनों की माने तो चिकित्सा शिविर महज एक खानापूर्ति है।
जांच रिपोर्ट किसकी सही, किसकी गलत : शनिवार को जिला अस्पताल में भर्ती 7 साल के सूफियान की जांच करवाई तो उसके परिजनों को बताया गया कि जिला अस्पताल की रिपोर्ट में बीमारी के कारण प्लेटलेट्स कम होकर 45 हजार रह गई है। करीब आधे घंटे बाद अस्पताल के बाहर निजी जांच केंद्र पर जांच करवाई गई तो उसमें सूफियान की प्लेटलेट्स 3 लाख 7 हजार बताई गई। आखिर किसकी रिपोर्ट सही मानें परिजन। चिकित्सकों ने पूर्व में बताया कि यह बीमारी घरों में जमा पानी, सड़कों पर एकत्रित गंदे पानी, नालियों में गंदगी जैसे कारणों से पनप रही है। जिसके चलते लगातार चिकित्सा शिविर में चिकित्सकों की देखरेख में टंकियों में टेमिफॉस, नालियों में बीटीआई पाउडर, क्षेत्र में फॉगिंग करवाई जा रही है। लेकिन, बीमारी बेकाबू नजर आ रही है।
विधायक-सांसद ने नहीं ली सुध
छाण ग्रामीणों ने बताया कि छाण में महामारी का प्रकोप जारी है। बेहतर चिकित्सा नही मिलने से मरीज बढ़ते जा रहे है। लेकिन, क्षेत्र के विधायक और सांसद अभी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे है।
अब तक मरीजों की संख्या
जानकारी के अनुसार आंकड़ों की माने तो अब तक 1 से 10 साल के करीब 160 बच्चे, 10 से 25 साल के करीब 50 युवा एवं 30 साल से ऊपर के करीब 40 महिला-पुरुष इस बीमारी के चपेट में आ चुके है। वहीं बच्चों समेत करीब 25 लोग जयपुर भर्ती हो चुके है।