भाजपा का नया चुनावी मैनेजमेंट, बनाई 200 कोर कमेटी, सौंपी कमान
ड्रोन सर्वे के माध्यम से मगरमच्छों की सटीक संख्या की जानकारी इनके संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। ड्रोन तस्वीरों के माध्यम से मगरमच्छों के आवास की स्थिति, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और अन्य पर्यावरणीय परिवेश पर भी अनुसंधान किया जा सकेगा। रणथम्भौर बाघ परियोजना के सीसीएफ अनूप के.आर ने बताया कि नेशनल टाइगर कनजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) की ओर से हर तीन साल में मैनेजमेंट ईफेक्टिव इवेल्यूशन (एमईई) का कार्य कराया जाता है। इस सर्वे में पहली बार मगरमच्छों की गणना का कार्य भी किया जा रहा है। ड्रोन से सर्वे पूरा होने के बाद ही रिपोर्ट जारी की जाएगी।