मलारना स्टेशन वन चौकी प्रभारी अशोक शर्मा ने बताया कि मलारना स्टेशन क्षेत्र से बहने वाली बनास नदी बाघ परियोजना के कोर एरिया से निकलती है। इसके बावजूद यहां रात दिन अवैध बजरी खनन चल रहा है। रात दिन दौड़ते बजरी के वाहनों से बनास नदी व आस पास के क्षेत्र में स्वछंद विचरण करने वाले वन्य जीव विचलित होते है। वही इन वाहनों से दुर्घटना में वन्य जीवों की मौत की आशंका भी बनी रहती है। यहां बजरी के वाहन संचालन से टाइगर सहित अन्य वन्य जीवों के शिकार की आशंका से भी इंकार नही किया जा सकता।
जगह जगह वन क्षेत्र में बना लिए अवैध रास्ते वन कर्मियों की माने तो मलारना स्टेशन वन चोकी क्षेत्र में बिलोली नदी व बाढ़ बिलोली गांवों के आस पास खनन माफियाओ ने वन क्षेत्र में जगह जगह अवैध रास्ते बना लिए है। सूचना पर सोमवार को भी वन कर्मी इन रास्तो को बंद करवाने गए तो अवैध बजरी खनन से जुड़े कुछ लोगो ने विरोध किया था। इसके बाद मंगलवार को बॉर्डर होमगार्ड व अतिरिक्त जाब्ते के साथ मौके पर पहुंच इन रास्तो को बंद करवाया गया। यदि कोई अब इन रास्तो को खोलता है तो चिन्हित कर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
इनका कहना है बिलोली नदी व बाढ़ बिलोली में वन क्षेत्र में बजरी खनन माफियाओं दुआरा बनाये अवैध रास्तो को जेसीबी मशीन से खाई खोद कर बंद करवा दिया। वन क्षेत्र में होकर बजरी के वाहन निकालने वालों पर सख्त कार्रवाई करेंगे।
अशोक भारदूआज, प्रभारी, वन चौकी मलारना स्टेशन रणथम्भोर बाघ परियोजना।