शो-पीस बने वॉटर कूलर
कहने को जिला कलक्ट्रेट परिसर में निचले तल पर दो व ऊपरी मंजिल पर दो कुल चार वाटर कूलर लगे है। लेकिन ये केवल शो पीस बने है। वॉटर कूलरों से एक बूंद भी पानी की नहीं टपकती है। ऐसे में फरियादी सूखे कंठों को तर करने के लिए इधर-उधर भटकते रहते है।
कहने को जिला कलक्ट्रेट परिसर में निचले तल पर दो व ऊपरी मंजिल पर दो कुल चार वाटर कूलर लगे है। लेकिन ये केवल शो पीस बने है। वॉटर कूलरों से एक बूंद भी पानी की नहीं टपकती है। ऐसे में फरियादी सूखे कंठों को तर करने के लिए इधर-उधर भटकते रहते है।
धूल फांक रहे वॉटर कूलर
प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी से जिला कलक्ट्रेट परिसर में रखे कूलर लम्बे समय से धूल फांक रहे है। इनकी सार-संभाल आज तक नहीं हुई है। यहां कोई भी फरियाद या व्यक्ति किसी काम से या समस्या से कलक्ट्रेट में आता है, तो उसको चारों तरफ नजरे दौड़ाने के बाद भी कहीं भी पानी नजर नहीं आता है। हां परिसर में सूखी टोंटिया व वॉटर कूलर जरूर दिखाई देते है।
प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी से जिला कलक्ट्रेट परिसर में रखे कूलर लम्बे समय से धूल फांक रहे है। इनकी सार-संभाल आज तक नहीं हुई है। यहां कोई भी फरियाद या व्यक्ति किसी काम से या समस्या से कलक्ट्रेट में आता है, तो उसको चारों तरफ नजरे दौड़ाने के बाद भी कहीं भी पानी नजर नहीं आता है। हां परिसर में सूखी टोंटिया व वॉटर कूलर जरूर दिखाई देते है।
अधिकारियों के लिए आते है कैंपर
शहर के नागरिकों ने बताया कि हर महीने मोटी तनख्वाह उठाने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के लिए तो कलक्ट्रेट परिसर में पानी के कैंपर मंगवाए जाते है, जबकि दूर गांव-कस्बों से आने वाले लोगों को पेयजल किल्लत उठानी पड़ती है। स्थिति ये है कि जिला कलक्ट्रेट में पेयजल के इंतजाम नहीं होने से लोग दुकानों से पानी की बोतलें मंगवाकर प्यास बुझाते है।
शहर के नागरिकों ने बताया कि हर महीने मोटी तनख्वाह उठाने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के लिए तो कलक्ट्रेट परिसर में पानी के कैंपर मंगवाए जाते है, जबकि दूर गांव-कस्बों से आने वाले लोगों को पेयजल किल्लत उठानी पड़ती है। स्थिति ये है कि जिला कलक्ट्रेट में पेयजल के इंतजाम नहीं होने से लोग दुकानों से पानी की बोतलें मंगवाकर प्यास बुझाते है।
ये बोले शहरवासी जिला कलक्ट्रेट परिसर में पेयजल के कोई इंतजाम नहीं है। प्रशासन का ध्यान चिकित्सा सहित अन्य विभागों पर है लेकिन खुद के कार्यालय परिसर में पानी की समस्या का ध्यान नहीं है। कई बार जिला कलक्टर को पानी की समस्या से अवगत कराया लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया।
विश्व कुमार, शहरवासी, सवाईमाधोपुर
विश्व कुमार, शहरवासी, सवाईमाधोपुर
पेयजल समस्या के लिए कलक्टर को कई बार अवगत करा चुके है। गर्मी बढ़ रही है लेकिन कलक्ट्रेट में पेयजल किल्लत है। कलक्ट्रेट परिसर में लम्बे समय से चार वॉटर कूलर खराब है इनको अब तक ठीक नहीं कराया है।
महेन्द्र वर्मा, अधिवक्ता, सवाईमाधोपुर
महेन्द्र वर्मा, अधिवक्ता, सवाईमाधोपुर
लम्बे समय से कलक्ट्रेट में पानी की समस्या है। वॉटर कूलर भी लम्बे समय से बंद पड़े है। वॉटर कूलर जल्द ही ठीक हो और परिसर में पानी की इंतजाम होने चाहिए।
विजयशंकर शर्मा, समाजसेवी, सवाईमाधोपुर
विजयशंकर शर्मा, समाजसेवी, सवाईमाधोपुर
रोज दूर-दराज गांवों से फरियादी समस्या व कलक्टर को ज्ञापन सौंपने आते है लेकिन पेयजल के अभाव में इधर-उधर ही भटकते रहते है। कलक्ट्रेट में लम्बे समय से वॉटर कूलर धूल ही फांक रहे है।
शंकरलाल बैरवा, नागरिक, सवाईमाधोपुर
शंकरलाल बैरवा, नागरिक, सवाईमाधोपुर
जिला कलक्ट्रेट परिसर में अधिकारी-कर्मचारियों के लिए कैंपर मंगवाए जाते है लेकिन पूरे परिसर में कहीं पर भी पानी के प्रबंध नहीं है। गर्मी के मौसम में प्यास बुझाने के लिए परेशानी उठानी पड़ती है।
सलीम टेलर, फरियादी, सवाईमाधोपुर
सलीम टेलर, फरियादी, सवाईमाधोपुर