वनाधिकारियों ने बताया कि बाघ का शव करीब 24 घंटे पुराना है। वन विभाग की टीम शव को कब्जे में लेकर राजबाग चौकी लेकर आई। जहां पशु चिकित्सक डॉ. राजीव गर्ग व उनकी टीम ने पोस्टमार्टम किया। इसके बाद पुलिस व प्रशासन की मौजूदगी में शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया।
इस दौरान रणथम्भौर बाघ परियोजना के सीसीएफ मनोज पाराशर, उपवन संरक्षक मुकेश सैनी, एसीएफ संजीव शर्मा, आरओपीटी रेंजर नारायण सिंह नरूका, रेस्क्यू टीम प्रभारी राजवीर सिंह, तहसीलदार गोपाल सिंह हाड़ा आदि मौजूद थे। पोस्टमार्टम के दौरान चिकित्सकों की टीम ने बाघ के विसरा व खून के नमूने भी लिए हैं। इन नमूनों को अब जांच के लिए भरतपुर या बरेली स्थित प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों के संबंध में स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने जताया शोक
बाघ की मौत पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ट्वीट करके दु:ख जताया। उन्होंने ट्वीट में लिखा, वन्य जीवन से दुखद समाचार। प्रसिद्ध बाघ टी-25 नहीं रहा। वह एक सदाशयी बाघ था, जिसने दो अनाथ शावकों का खयाल रखा और उन्हें बड़ा करने, बचाने में पितृवत् स्वभाव दर्शाया, जो संरक्षणवादियों के लिए आश्यर्यजनक था। टी- 25 हमेशा याद आएगा।