शादी के बाद से ही समस्या
केशलकुंज अपार्टमेंट, सेक्टर-17, ब्लॉक डी, द्वारका नई दिल्ली हाल बसोखुर्द मलारना डूंगर, सवाईमाधोपुर निवासी पीडि़ता ने बताया कि उसका विवाह वर्ष 2013 में हुआ था। युवक जयपुर के सांगानेर हवाईअड्डे पर कार्यर्त है। मेरे परिजनों ने क्षमता अनुसार दानदहेज दिया था, लेकिन पति व ससुराल पक्ष के लोग 60 लाख रुपए की मांग कर रहे थे। इस दौरान भाइयों ने समय-समय पर 5 लाख रुपए कीमत के जेवर बनवा कर दिए थे। वर्ष 2014 में बेटे की पैदाइश के साथ ही उसने मानसिक रूप से प्रताडि़त करना शुरू कर दिया था। वहीं घर से बाहर निकाल दिया।
बस प्रताडऩा ही सही
पंच पटेलों के कहने पर पति ने न्यायालय में समझौता कर लिया। एक बार पुन: मैं पति के साथ रहने जयपुर आ गई। पति ने एक दो महीने सही से रखा। फिर मारपीट करने लगा। एक बार फिर पंच पटेलों के कहने पर मैं अपने ससुराल बसोखुर्द रहने आ गई। पति ने षडयंत्र के तहत जबरन अलग-अलग लोगों के साथ आपत्तिजनक वीडियो बनवाए, जिनके आधार पर ब्लैकमेल व तलाक लेने की कार्रवाई कर रहा है।
पति ने रचा षडयंत्र
पीडि़ता ने रिपोर्ट में बताया कि पति ने अहमद पुर थाना रेनी जिला अलवर निवासी सुरेश कुमार मीना को बसोखुर्द भेजा, जिसने मेरे साथ जबरन दुष्कर्म कर वीडियो बनाई। इस दौरान पहले से घात लगाकर बैठे पति के ममेरे भाई आ गए। उन्होंने मारपीट की और अपनी सुविधा के अनुसार बयान कराए। वहीं रिकार्डिंग की। चार साल के बेटे का भी अपहरण कर लिया। थाने लेजाकर मनमाफिक बयान करवाए। पुलिस ने मुझे रात को दस बजे छोड़ दिया। इस दौरान धरमसिंह व नेतराम ने अगवा कर लिया। मुझे अलग-अलग जगहों पर रखा और शारीरिक शोषण किया।
रिपोर्ट में गड़बड़ी
पीडि़ता ने बताया कि एफआईआर में भी कई गड़बडिय़ा की गई हैं। इसमें पति का पता गलत लिखा गया। धर्मसिंह व नेतराम को आरोपी नहीं बनाया गया। वहीं सुरेश नाम के किसी व्यक्ति को आरोपी बनाया गया, जिसका मामले से कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस की लापरवाही को लेकर मैंने आईजी भरतपुर रेंज को ज्ञापन देकर न्याय की गुहार लगाई है। वहीं अपने बेटे की बरामदगी की अपील की है।