नई दिल्ली। बीते 5 सालों में स्मार्टफोन की मांग बढ़ी है। सिलिकॉन वैली में बड़ी कंपनियां फेसबुक, ट्विटर, एप्पल और गूगल के आसपास दर्जनों ऐसे विशेष क्लिनिक खुले हैं, जो मोबाइल फोन की लत छुड़ाते हैं। अमरीका में आईफोन 10 खरीदने के लिए लोगों को करीब 65 हजार रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं और इसकी लत छुड़ाने के लिए करीब 26 लाख रुपए।
आपको बता दें ये क्लीनिक उन युवाओं के इलाज के लिए खोले गए हैं जो दिन में 20 घंटे तक मोबाइल इस्तेमाल करते हैं। सैन फ्रांसिस्को से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर एक हवेली में ऐसा ही एक क्लीनिक खोला गया है। पहाड़ की सबसे ऊंची चोटी पर हरियाली के बीच स्थापित इस क्लीनिक में युवाओं का 45 दिन तक इलाज किया जाता है। क्लिनिक का खर्च महंगी सेवाओं के आधार पर तय होते हैं। अगर लग्जरी लॉन्ज और हॉट टब की सुविधा लेते हैं तो यहां एक रात गुजारने के लिए करीब एक लाख रुपए खर्च करने होंगे।
इस हवेली यानी क्लीनिक के अंदर मोबाइल फोन, लैपटॉप और टैबलेट पर पाबंदी है। यहां कम्प्यूटर का इस्तेमाल सिर्फ क्लासरूम में होते हैं। युवा इनका इस्तेमाल शिक्षक और साइकोलॉजिस्ट की देखरेख में करते हैं। यहां मरीजों को स्पेशल थेरेपी दी जाती है ताकि युवाओं को इंटरनेट की लत छुड़ाई जा सके और वे पढ़ाई, परिवार, दोस्तों और ऑफलाइन कामों पर समय अधिक दे सकें।
क्लिनिक के निदेशक डेनिएल कोवाक्स कहते हैं, “हमलोग उनकी जिंदगी ऑफलाइन बनाते हैं, यह हमारे यहां का नियम है। सबसे अच्छा तब लगता है जब युवा हमें खुद धन्यवाद देते हैं और कहते हैं कि वे अब सोशल साइट से ज्यादा खुद का ख्याल रखेंगे।” अमरीका में इंटरनेट की लत को आधिकारिक तौर पर बीमारी नहीं मानी जाती है।
हालांकि ऑस्ट्रेलिया, चीन, इटली और जापान इसे एक बीमारी मानते हैं। वहीं, दक्षिण कोरिया में इसका इलाज सरकारी अस्पतालों में होता है। निदेशक डेनिएल कोवाक्स कहते हैं, “इंटरनेट की लत के शिकार बच्चे रात भर फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे साइटों पर गुजारते हैं। वो सुबह स्कूल के लिए उठ नहीं पाते और अपने कामों पर केंद्रित नहीं हो पाते हैं।” मरीज यहां अपने पढ़ाई को भी जारी रखते हैं। उन्हें कई तरह की थेरेपी दी जाती है और उनके कौशल का विकास किया जाता है। शारीरिक व्यायाम भी करवाया जाता है। रात के खाने के समय वे आपस में बात करते हैं और अगले दिन की योजना तय करते हैं। यहां योगा सिखाया जाता है।