स्टडी में सामने आया है कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद कम से कम दो महीनों यानी 60 दिनों तक लॉन्ग कोविड के लक्षण दिख रहे हैं।
कहां हुई स्टडी
ये स्टडी डेनमार्क में की गई। इस दौरान 14 साल तक के बच्चों पर विशेष शोध किया गया है। इस स्टडी में 11 हजार से ज्यादा ऐसे बच्चों को शामिल किया था, जो कोरोना संक्रमित हो चुके थे। इनके अलावा 33 हजार से ज्यादा उन बच्चों को शामिल किया गया था, जिन्हें कभी कोरोना नहीं हुआ था।
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स्टडी में हुए खुलासे के मुताबिक अलग-अलग एज ग्रुप के बच्चों में अलग-अलग दिक्कतें सामने आईं। जैसे
– 3 साल तक के बच्चों में मूड स्विंग्स, चकत्ते पड़ना और पेट में दर्द जैसी समस्या बनी हुई थी।
– 4 से 11 साल की उम्र बच्चों में मूड स्विंग्स, ध्यान नहीं लगा पाना और चकत्ते पड़ने जैसी समस्या थी।
– 12 से 14 साल की उम्र के बच्चे थकान, मूड स्विंग्स और ध्यान नहीं लगा पाने की समस्या से जूझ रहे थे।
– स्टडी के मुताबिक, 3 साल तक के 40 फीसदी बच्चे ऐसे थे, जिन्हें दो महीने और उससे ज्यादा समय तक लॉन्ग कोविड के लक्षण थे।
– 4 से 11 साल की उम्र के 38 फीसदी बच्चों में लॉन्ग कोविड बना हुआ था।
– 12 से 14 साल के 46 फीसदी बच्चों में दो महीने या उसके बाद भी लक्षण थे।
स्टडी के मुताबिक, बच्चों में आमतौर पर जो लक्षण सबसे ज्यादा दिखे उनमें मूड स्विंग्स, थकान, सिरदर्द और पेट दर्द जैसी समस्या शामिल है।
एक तिहाई बच्चों में ये समस्या
शोधकर्ताओं की मानें तो कोविड संक्रमित एक तिहाई बच्चों में अब ऐसी समस्याएं भी दिख रहीं हैं, जो कोरोना के आने से पहले नहीं होती थी।
इस सर्वे के जरिए लॉन्ग कोविड के 23 लक्षणों को लेकर सवाल किया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ( World Health Organistaion ) के मुताबिक, कोविड से ठीक होने के बाद भी अगर कम से कम दो महीने तक एक भी लक्षण बना रहता है, तो उसे लॉन्ग कोविड माना जाता है।
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