मंगल ग्रह पर जाने की है हसरत तो हो जाइए तैयार, नासा दे रहा है बेहतरीन मौका एनेस्थेशीया एकेडमिक जर्नल पत्रिका की रिपोर्ट से पता चलता है कि इंसान के अंदर डीएनए को मरम्मत करने वाला जीन पाया जाता है। लेकिन देर रात तक काम करने की वजह से यह प्रभावित होता है। काम करने की इनकी गति धीमी हो जाती है। ऐसा अधूरी नींद लेने के कारण होता है। जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार- काम न करने वालों के मुकाबले, जो लोग देर रात तक काम करते हैं, उनके डीएनए को अधिक नुकसान पहुंचता है।
ऐसी स्थिति में ऐसे लोगों की बीमारियों का अगली पीढ़ी में जाने का खतरा 25 फीसदी बढ़ जाता है। आपको बता दें कि डीएनए का नुकसान होने से अभिप्राय है- उसका दोबारा ना बनना। देर रात तक काम करने के कारण डीएनए को दोबारा बनने में इनकी गति धीमी हो जाती है, जिससे ट्यूमर होने का खतरा बढ़ जाता है।
जानिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के बारे में खास बातें डीएनए क्या है DNA का फुल फॉर्म डी ऑक्सी न्यूक्लिक अम्ल होता है। इसका उपयोग किसी दूसरे मनुष्य के साथ संबंध जानने-समझने में प्रयोग किया जाता है। कई बार इसका उपयोग अपराधों को समझने में भी किया जाता है। विज्ञान के अनुसार- तकरीबन 1200 तरह के DNA होते हैं। सन 1993 में जेम्स वाट ने DNA खोज की थी। इन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।