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विज्ञान और टेक्नोलॉजी

तकनीक का कमाल : समंदर में जहां इंसान नहीं जा सकते, वहां जाएगा नया ड्रोन

अमरीका ने बनाया कई काम करने वाला मांटा रे अंडरवाटर व्हीकल -खोजबीन, रिसर्च और जासूसी के लिए किया जा सकता है इस्तेमाल

जयपुरApr 11, 2024 / 01:28 am

pushpesh

तकनीक का कमाल : समंदर में जहां इंसान नहीं जा सकते, वहां जाएगा नया ड्रोन

नया ड्रोन पूरी तरह ऑटोनॉमस है।

वॉशिंगटन. अमरीका ने ऐसा मानवरहित अंडरवाटर ड्रोन बनाया है, जो लंबे समय तक समंदर के अंदर रह सकता है। यह समंदर के अंदर वहां भी जा सकता है, जहां इंसान नहीं जा सकता। इसका इस्तेमाल समंदर में खोजबीन, रिसर्च और जासूसी के लिए किया जा सकता है। हथियार के तौर पर भी इसका इस्तेमाल हो सकता है।
अमरीका की डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (डीएआरपीए) ने इसकी डिजाइन बनाई, जो विशालकाय समुद्री मछली मांटा रे पर आधारित है। इसी मछली के नाम पर इसे ‘मांटा रे अंडरवाटर व्हीकल’ नाम दिया गया। नॉर्थरोप ग्रुम्मन कंपनी की ओर से तैयार इस ड्रोन को कई तरह के पेलोड लगाकर अलग-अलग मिशन पर भेजा जा सकता है। यह पूरी तरह ऑटोनॉमस है। अपने हिसाब से समंदर के अंदर काफी गहराई तक गोता लगा सकता है।
बिना आवाज लंबे समय तक पानी में रह सकता है
मांटा रे अंडरवाटर व्हीकल मॉड्यूलर है। इसे फोल्ड कर कहीं भी ले जाया जा सकता है। फिलहाल नॉर्थरोप ग्रुम्मन कंपनी ने इसका फुल साइज मॉडल बनाया है। इसे इस तरह तैयार किया गया है कि यह समंदर के अंदर बिना आवाज लंबे समय तक रह सकता है। सिंगापुर के वैज्ञानिकों ने 2017 में मांटा रे की तरह दिखने वाला रोबोट बनाया था, जो लचीले पंखों से पानी में तैर सकता है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में भी मददगार
डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी के मुताबिक मांटा रे अंडरवाटर व्हीकलकी मदद से भविष्य में रेस्क्यू ऑपरेशन भी किया जा सकता है। व्हीकल की बॉडी ऐसी धातु से तैयार की गई है, जो समंदर की गहराई में भारी दबाव बर्दाश्त कर ले और इसमें जंग न लगे। इसे अनमैन्ड अंडरसी व्हीकल (यूयूवी) की श्रेणी में रखा गया है।

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