वैसे आमतौर पर शुक्र की स्थितियां बेकार ही मानी जाती रही है। यहां के वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड की बहुत अधिक मौजूदगी कारण दिन का तापमान इतना अधिक हो जाता है कि सीसा भी पिघल जाए। ऐसे में यहां पर जीवन की बात चौंकाने वाली है।
नासा के मुताबिक वैत्रानिकों ने हवाई और चिली के एटाकामा डिजर्ट से टेलिस्कोप लगाकर शुक्र ग्रह के बादलों का जायजा लिया, जो ग्रह से सरफेस से करीब 60 किमी की ऊंचाई पर है। इस दौरान उन्हें ज्वलनशील गैस फॉस्फीन के अंश मिले। पृथ्वी पर फॉस्फीन ऐसे माइक्रोब्स से बनी होती है, जो बिना ऑक्सीजन के जीवित रह सकते हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि शुक्र पर जीवन संभव हो सकता है।
हालांकि नेचल एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित खोज में वैज्ञानिकों ने माना है कि केवल फॉस्फीन गैस की मौजूदगी को वीनस पर जीवन मौजूद होने के पक्के सबूत के रूप में नहीं माना जा सकता। लेकिन आगे इसे लेकर जांच की जा रही है।