किसान संघ के जिलाध्यक्ष भीम सिंह ठाकुर ने बताया कि भारत सरकार की जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति द्वारा हाल ही में मध्यप्रदेश में बीटी बैंगन की जेनेटिकली मोडीफाइड बीटी बैंगन के द्वितीय परीक्षण को करने की अनुमति दी है। भारतीय किसान संघ इस निर्णय की कड़ी निंदा करता है। बीटी बैंगन सहित जीएम फसलों के क्षेत्र परीक्षणों से संबंधित घटनाओं पहले भी हो चुकी है। पर्यावरण प्रदूषण जैव विविधता को खतरा, पशु एवं मानव स्वास्थ्य, उत्पादकता, बाजार एकाधिकार आदि जैसे कई गंभीर मुद्दों को छोड़कर फसलों के ऐसे परीक्षणों की अनुमति देना किसान हित में नहीं है।
इस परिक्षण को लेकर अधिकांश प्रतिष्ठित संस्थानों में, संसदीय स्थायी समिति, माननीय सर्वोच्च न्यायालय की तकनीकी विशेषज्ञ समिति, प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों ने अपनी आशंका व्यक्त की है। देश के कई राज्यों ने पहले ही जीएम खाद्य फसलों परीक्षणों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस के बावजूद प्रदेश में परिक्षण करने की अनुमति दी गई है। भारतीय किसान संघ संपूर्ण कृषक समुदाय और उपभोक्ताओं के लाभ के लिए अपने राज्य में जीएम फसलों के परीक्षण का विरोध करते हुए इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग करता है। विरोध के बावजूद भी यदि प्रदेश सरकार इसके परीक्षण की अनुमति देती है तो भारतीय किसान संघ पूरे प्रदेश मेंं विरोध करेगा। ज्ञापन देने वालों में जगदीश डावरी, बाबूलाल पाटिदार, कन्हैयालाल, दीपक शर्मा, रिषी परमार, उदय सिंह ठाकुर, पर्वत सिेंह गौर, नंदकिशौर आदि किसान शामिल है।