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सीहोर

दर्दनाक हादसा: ट्रेन की चपेट में आई महिला का एक हाथ बुधनी ट्रैक पर तो धड़ 10 किमी दूर होशंगाबाद स्टेशन पर मिला…

मूक-बधिर महिला ने जिंदगी में हर मोड़ पर खाई ठोकर, अब ट्रेन ने रौंदा

सीहोरFeb 18, 2020 / 11:06 am

दीपेश तिवारी

दर्दनाक हादसा: ट्रेन की चपेट में आने से महिला का एक हाथ बुधनी ट्रैक पर तो मिला धड़ 10 किमी दूर होशंगाबाद स्टेशन पर...

दर्दनाक हादसा: ट्रेन की चपेट में आने से महिला का एक हाथ बुधनी ट्रैक पर तो मिला धड़ 10 किमी दूर होशंगाबाद स्टेशन पर…

बुदनी/सीहोर. पहले ईश्वर और फिर पति परमेश्वर से ऐसी ठोकर मिली कि उसे संभलने का मौका ही नहीं मिला। एक के बाद एक धोखा मिलने पर माता-पिता के सहारे जैसे-तैसे खुद को संभालने की कोशिश की ही थी, पर किस्मत को यह भी रास नहीं आया।
मौत भी मिली तो ऐसी कि शव की दुर्दशा हो गई। बुदनी की गुरुआ बाबा कॉलोनी निवासी विवाहिता आशा बाई की मौत का मंजर देख, सुन हर कोई अचंभित है। 28 वर्षीय आशा बाई बुदनी में रेलवे लाइन खंभा नंबर 669/9 के समीप अप ट्रैक पर ट्रेन के इंजन की चपेट में आ गई।
इंजन की चपेट में आने से आशा का एक हाथ तो कटकर बुदनी में ही गिर गया, लेकिन शेष शरीर इंजन के जाल में ऐसा फंसा कि वह होशंगाबाद तक पहुंच गया। होशंगाबाद में ट्रेन रुकने पर पुलिस ने विवाहिता के शव को इंजन से निकाला है।
गुरुआ बाबा कॉलोनी वार्ड क्रमांक-12 निवासी रमेश पटेल की मूक बधिर बेटी आशा बाई की शादी साल 2014 में शाहगंज के इटबार गांव के अरविंद सिंह चौहान के साथ हुई।

शादी के कुछ समय बाद अरविंद सिंह की आशा बाई से अनबन हो गई और आशा बाई को उसके मायके छोड़ दिया। आशा बाई बुदनी में अपने माता-पिता के साथ रहने लगी। बुदनी में रमेश पटेल के मकान पर निर्माण कार्य चल रहा है। घर में निर्माण कार्य चलने को लेकर रमेश पटेल पटरी के उस पार रमेश वर्मा के मकान में किराए से रह रहे हैं।
रविवार देर शाम रमेश पटेल की मूक बधिर बेटी आशा बाई निर्माणाधीन मकान से अपने घर किराए के मकान के लिए निकली, तभी पटरी पार करते समय ट्रेन की चपेट में आ गई। ट्रेन के इंजन की चपेट में आने से आशा का एक हाथ तो कटकर उसी जगह गिर गया, लेकिन शेष शरीर इंजन के जाल में फंसकर होशंगाबाद पहुंच गया।
होशंगाबाद रेलवे स्टेशन पर जब जीआरपीएफ के जवानों में इंजन में शव फंसा देखा तो दौड़कर आए और शव को बाहर निकाला।

बहन घर नहीं पहुंची तो भाई ने किया पिता को फोन
निर्माणाधीन मकान पर अपने पिता से आशा घर जाने की कहकर निकली थी। बेटी के मूकबधिर होने को लेकर उसके निकलते ही पिता ने बेटे धर्मेन्द्र पटेल को फोन कर बताया कि आशा निकल चुकी है, जल्द ही घर पहुंच जाएगी।
पिता के फोन के बाद जब काफी देर तक आशा घर नहीं पहुंची तो भाई धर्मेन्द्र पटेल को चिंता हुई और उसने फोन कर पिता को बताया कि आशा घर नहीं आई है। एक तरफ से पिता और दूसरी तरफ से बेटा दोनों आशा को खोजने निकले, तभी रेल की पटरी पर उसके कुछ कपड़े और हाथ पड़ा मिला।
पिता-पुत्र ने अनहोनी को भाप लिया और तत्काल पुलिस को सूचना दी। प्रधान आरक्षक रामकृष्ण गौर ने होशंगाबाद जीआरपीएफ चौकी पर फोन किया, तभी पता चला कि एक महिला का शव बरामद हुआ है। होशंगाबाद से जीआरपीएफ के जवानों ने शव का फोटो वाट्सअप पर भेजा, जिसकी शिनाख्त रमेश पटेल ने अपनी बेटी आशा के रूप में की।
शव की शिनाख्त होते ही पिता-पुत्र होशंगाबाद पहुंचे और पोस्टमार्टम के बाद आशा बाई के शव को लेकर बुदनी आए। होशंगाबाद पुलिस ने मर्ग दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

ट्रेन की चपेट में आने से 12वीं की छात्रा की मौत
बुदनी में दूसरा हादसा सोमवार को सुबह नगर परिषद के पार्क के पास हुआ है। इस हादसे में एक छात्रा की मौत हो गई। छात्रा गुरुआ बाबा कॉलोनी निवासी भभूति सिंह अहिरवार की बेटी है।
छात्रा हादसे का शिकार उस समय हुई, जब वह घर से रेल की पटरी पार कर स्कूल परीक्षा देने जा रही थी। जानकारी के अनुसार गुरुआ बाबा कॉलोनी निवासी करिश्मा (18) पिता भभूति सिंह अहिरवार शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक स्कूल बुदनी की कक्षा 12वीं की छात्रा है।
सुबह करीब 10 बजे छात्रा प्री बोर्ड परीक्षा देने के लिए घर से निकली, तभी नगर परिषद के पार्क के समीप रेल पटरी पार करते समय ट्रेन की चपेट में आ गई, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के बाद पुलिस ने मर्ग दर्ज कर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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