जानकारी के अनुसार 15 जून से खरीफ का सीजन शुरू हो जाता है। प्री मानसून की बारिश भी शुरू हो गई है। सोयाबीन की बोवनी के लिए किसान खेत तैयार करने में लगे हैं। सोयाबीन की बोवनी के लिए किसान सोसाइटियों पर खाद, बीज लेने के लिए जा रहे हैं, लेकिन जिन किसानों का सरकार ने अभी कर्ज माफ नहीं किया है, सोसाइटी उन्हें खाद बीज देने में आनाकानी कर रही हैं। सोसाइटी के कर्मचारी किसानों से रवी सीजन का ऋण जमा करने के लिए दबाव बना रहे हैं। सोसाइटी और सरकार की योजना के फेर में किसान खुद को ठगा का महसूस कर रहे हैं। कई किसानों ने इस बात को लेकर शिकायत भी की है।
बाजार से खरीद रहे खाद, बीज
सरकार की ऋण माफी योजना का लाभ नहीं मिलने और ऋण जमा करने के लिए सोसाइटियों की तरफ से दबाव आने को लेकर किसान खरीफ सीजन के लिए खाद, बीज सोसाइटी के बजाय बाजार से खरीदने में ज्यादा रूचि ले रहे हैं। किसानों ने बताया कि इसके अलावा दूसरा कारण यह भी है कि सोसाइटी से बाजार में खाद और बीज सस्ता मिल रहा है, जिसकी वजह से किसान सोसायटी के बजाय खाद, बीज बाजार से खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
समर्थन मूल्य पर बेचे गेहूं, मसूर का भुगतान लेट
किसान समर्थन मूल्य पर बेचे गए गेहूं और मसूर का भुगतान समय पर नहीं होने को लेकर भी परेशान हैं। समर्थन मूल्य पर गेंहूं की खरीदी बंद हो गई, लेकिन अभी तक कई किसानों का भुगतान नहीं हो सका है, हालांकि अफसरों का तर्क है कि भुगतान की प्रक्रिया लगातार चल रही है, ज्यादातर किसानों का भुगतान हो चुका है और जिनका नहीं हुआ है, जल्द ही हो जाएगा।
फै क्ट फाइल
जिले में सोसायटी : 99
कर्जदार किसान : एक लाख 45 हजार
ऋण राशिद : 500 करोड़
कर्जमाफी : 45 हजार
कर्जमाफी की राशि : 100 करोड़
– जिन किसानों की ऋण माफी योजना में ऋण माफ हो गया है, उनको तो खाद बीज दिया जा रहा है। जिनकामाफ नहीं हुआ या माफ हो गया है, पर सरकार की तरफ से अभी राशि नहीं मिली है तो उन किसानों को राशि जमा करनी पड़ेगी। शासन से रुपए आने के बाद कर्जा माफ हो जाएगा।
मुकेश श्रीवास्तव, सीईओ जिला सहाकारी बैंक सीहोर