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सेंधवा

भैंस चराने गया बालक हाईटेंशन लाइन की चपेट में आया

निजी अस्पताल में भर्ती, परिजनों का आरोप बिजली तार नीचे होने से हुआ हादसा, 6 फीट की ऊंचाई पर ही झूल रहे विद्युत तार, कंपनी की लापरवाही

सेंधवाOct 07, 2019 / 11:40 am

vishal yadav

Child injured due to current

Child injured due to current

बड़वानी/सेंधवा. भैंस चराने गए एक बालक को हाईटेंशन लाइन के करंट ने अपनी चपेट में ले लिया। गनीमत रही कि बालक की जान बच गई, लेकिन हादसे में भैंस की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद लोगों ने विद्युत कंपनी की लापरवाही बताते हुए जांच की मांग की है।
सेंधवा के पुराना आरटीओ बेरियर निवासी संजय पिता हीरालाल यादव रविवार सुबह 11.30 बजे भैंस चराने के लिए लक्ष्मी मंदिर के सामने स्थित मैदान में गया थ। इस दौरान यहां पर बालक 11 केवी विद्युत लाइन की चपेट में आ गया। संजय को करंट लगा और गंभीर घायल हो गया। वहीं भैंस की मौके पर ही मौत हो गई। स्थानीय लोग घायल संजय को पहले सिविल अस्पताल ले गए। जहां से प्राथमिक इलाज के बाद परिजन उसे निजी अस्पताल ले गए। जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
विद्युत कंपनी की लापरवाही से हुआ हादसा
हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसे की जानकारी मिलने के बाद लोग घटनास्थल पर पहुंचे और घायल संजय निजी वाहन से सिविल अस्पताल ले गए। जहां से उसे परिजन नगर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर इलाज के बाद संजय की स्थिति गंभीर बताई है। हालांकि चिकित्सकों ने उसकी जान खतरे से बाहर बताई। परिजनों ने कहा कि जिस मैदान पर संजय भैंस चराने गया था। वहां बच्चे अकसर जाते रहते है।
हादसे में संजय को हाथों में चोट लगी
लोकेश यादव ने बताया कि हादसे के कुछ समय पहले भी उसने बच्चों को वापस घर जाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने नहीं सुना। हादसे की सूचना मिलने के बाद वह घटनास्थल पहुंचे। तब तक भैंस मर चुकी थी और घायल संजय को अस्पताल ले जा चुका था। मामले में विद्युत कंपनी की लापरवाही सामने आ रही है। हादसे की खबर सुनकर संजय के पिता और मां बदहवास होकर अस्पताल पहुंचे। जब उन्होंने संजय को सकुशल देखा तो राहत की सांस ली। हादसे में संजय को हाथों में चोट लगी। चिकित्सकों ने उसे 12 घंटे तक चिकित्सकों की निगरानी में रखने की बात कही। अस्पताल में परिजनों की भीड़ लग गई।
2 पोल के बीच झूल रहे थे तार
जिस मैदान में हादसा हुआ। वहां पर करीब 100 मीटर के बीच हाईटेंशन लाइन के तार सिर्फ 2 पोल के बीच झूल रहे थे। तार इतने नीचे थे कि किसी भी व्यक्ति द्वारा हाथों से पकड़े जा सकते थे। 11 केवी लाइन के तारों को इतनी लापरवाही से लगाया गया था कि हादसा होना तय था। लोगों ने बताया कि 100 मीटर से अधिक की दूरी पर सिर्फ 2 पोल के बीच झूल रहे थे। हाईटेंशन लाइन के तार इस कारण से हादसा हुआ। रविवार को बालक हादसे का शिकार हो गया। यदि बिजली के तार इतना नीचे नहीं झूल रहे होते तो हादसा नहीं होता। हादसे के बाद कंपनी के लाइनमैन एस पाटील मौके पर पहुंचे और अधिकारियों को हादसे की जानकारी दी। सूचना के बाद विद्युत प्रदाय बंद कराया।
ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत कंपनी की लापरवाही
ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत कंपनी द्वारा हाईटेंशन लाइन सहित अन्य विद्युत लाइनों को लगाने के दौरान लापरवाही बरती गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में कई स्थानों पर बिजली के पोल तिरछे हो रहे है। वहीं कई क्षेत्रों में तारों से हमेशा हादसे का भय बना रहता है। पिछले कई महीनों में कई ग्रामीण क्षेत्रों से कभी पोल गिरने की शिकायत मिली, तो कहीं तार जमीन को छूने की शिकायतें मिलती रही है, लेकिन कंपनी के कर्मचारी ठेकेदारों की लापरवाही बताकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे है। ऐसे में आम लोगों सहित कई मासूम करंट की चपेट में आ रहे है।

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