पेंच के तेलिया बफर की पहचान बना ‘काला तेंदुआ, पर्यटकों की नजर बेचैन रहती है दीदार को
‘द जंगल बुक के किदार मोगली के दोस्त बघीरा से मिलती जुलती पहचान ने तेंदुआ को बनाया विशेष
सिवनी. पेंच टाइगर रिजर्व का तेलिया बफर क्षेत्र इन दिनों सुर्खियों में है। इसका कारण उक्त क्षेत्र में आए दिन काला तेंदुआ (तेंदुआ शावक) का दिखना है। सफारी के दौरान पर्यटकों को दिख रहा काला तेंदुआ आकर्षण का केन्द्र बना है। पर्यटक अब इसे बघीरा के नाम से पुकारने लगे हैं। बघीरा उक्त क्षेत्र के लिए अब नई पहचान बनता जा रहा है। हालांकि सात माह के आकड़ों पर गौर करें तो बघीरा अब तक केवल चार बार दिखा है। हर बार पर्यटकों ने उसकी फोटो और वीडियो बनाई है। पहली बार उसे जुलाई माह में देखा गया था। तेलिया बफर में सफारी करने वाले हर पर्यटकों की नजर उसके दीदार को बेचैन नजर आती है।
गौरतलब है कि ‘द जंगल बुक के प्रमुख किदार भेडिय़ा बालक मोगली की जन्मभूमि पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी को माना जाता हैं। मोगली और उसके दोस्त बघीरा के बीच गहरी दोस्ती के किस्से मशहूर हैं। कहानी के इसी पात्र बघीरा से काला तेंदुआ को जोड़ा जा रहा हैं। बताया जा रहा है कि काला तेंदुआ भी बघीरा की तरह नजर आ रहा है। इसकी यही पहचान उसे विशेष बना रही है। उधर विशेषज्ञों की माने तो मेलेनिस्टिक (जींस) के कारण से भी कई वन्यजीवों का रंग बदल जाता हैं। काला तेंदुआ भी इसी का नतीजा हो सकता हैं।
बताया जा रहा है कि बीते 12 जनवरी को तेलिया बफर के अर्जुनम_ा में काला तेंदुआ को करीब से पर्यटकों ने देखा तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उनके लिए यह काफी अद्भूत रहा। पर्यटकों की माने तो उनको काला तेंदुआ एक चट्टान पर शिकार करते हुए नजर आया था। इसकी तस्वीर व वीडियो पर्यटक व वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर ने मोबाइल व कैमरे में कैद किया। इसके पूर्व पहली बार काला तेंदुआ 27 जुलाई 2020 में दिखा था। उस समय आहट मिलने पर वह घने जंगल में ओझल हो गया था। पेंच प्रबंधन की माने तो उसकी उम्र करीब एक वर्ष है। उसके साथ एक मादा तेंदुआ और दो अन्य शावक दिखाई दे रहे हैं। पेंच प्रबंधन लगातार उसकी मानीटरिंग कर रहा है। 17 सितंबर व 28 नवंबर को भी पर्यटकों को सफारी के दौरान काला तेंदुआ नजर आया था।
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