परीक्षा केन्द्र के बाहर कुछ ऐसे भी लोग नजर आए जो छोटे-छोटे बच्चों के रोने पर दिलासा देकर चुप कराने का प्रयास कर रहे थे। पास जाकर पूछने पर बताया कि बच्चे की मां डीएलएड की परीक्षा दे रही है। ८ महीने की बिटिया मोनिका को लेकर बैठे बिहारीलाल डहेरिया ने बताया कि वह लखनादौन के सिमरिया से आए हैं। कृषि कार्य करते हैं, वह स्वयं १०वीं तक पढ़े हैं, लेकिन पत्नी राजेश्वरी डहेरिया को फाइनल तक पढ़ाने के बाद अब बिहारीलाल की इच्छा है कि वह शिक्षिका बने, इसीलिए डीएलएड की परीक्षा दिला रहे हैं। बिटिया के रोने पर कभी गोद में लेकर दुलारते हैं, तो कभी बिठाकर खिलौने देकर बहलाते हैं। इसी तरह एक शासकीय शिक्षक राजकुमार तेकाम भी अपने बेटे अनुज को लेकर केन्द्र के बाहर बैठे दिखे, जो पत्नी सावित्री को परीक्षा दिलाने आए थे। इस नजारे को देखने वाले लोग यही कह रहे थे, कि परीक्षा केन्द्र में पत्नी परीक्षा दे रही हैं और बाहर पति।