जिला अस्पताल सिवनी में बेड खाली फिर जमीन पर मरीज कैसे
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने करीब २५ दिवस के अंदर तीसरी बार जिला अस्पताल और स्वास्थ्य संबंधित मामले में कलेक्टर व सीएमएचओ से प्रतिवेदन मांगा है। इस बार आयोग के अध्यक्ष जमीन पर कोविड के मरीजों को करीब तीन से चार दिनों तक उपचार किए जाने के मामले को संज्ञान लिया है।
गौरतलब है कि जिला अस्पताल परिसर के 22 बेड क्षमता वाले कोविड 3 वार्ड के गलियारे में 3-4 मरीज जमीन पर उपचार कराने के लिए मजबूर हैं। अस्पताल प्रशासन लगभग दो सप्ताह से इन्हें किसी वार्ड में पलंग मुहैया नहीं करा पा रहा है। इसके चलते ये जमीन पर ही पड़े हैं। कोविड ३ वार्ड में पहले से ही 20 मरीज भर्ती हैं। इनमें से 12 सेन्ट्रल लाइन ऑक्सीजन सपोर्ट पर और 7 को ऑक्सीजन कॉंन्सेंट्रेटर मशीन लगाई गई थी। लेकिन वार्ड के ठीक बाहर जमीन पर लेटकर उपचार करा रहे मरीजों में से एक मरीज नूरसिंह का कहना था कि ऐसे बुरे हालातों में उसे अस्पताल में रखा गया है। इसके लिए यही बहुत है। इस मामले में आयोग ने कलेक्टर तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से एक सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है। आयोग की लगातार इस तरह के मामले को संज्ञान में लिए जाने से स्वास्थ्य महकमे में खलबली मची हुई है।
112 मरीज स्वस्थ हुए, 108 नए मरीज मिलें, 868 एक्टिव केस
जिले के चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों के सकारात्मक प्रयास से कोरोना पॉजीटिव मरीज लगातार स्वस्थ हो रहे हैं। जिले में एक्टिव केस की संख्या लगतार घट रही हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केसी मेश्राम से प्राप्त जानकारी अनुसार तीन मई को कुल 112 कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ हुए हैं, वही 108 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज विगत दिवस प्राप्त रिपोर्ट में पाए गए हैं।
बताया कि अब तक जिले में कुल 92097 संदिग्ध व्यक्तियों के नमूने जांच हेतु लिए गए हैं। इसमें से 5328 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं। इनमें से 4439 मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में कोरोना के 868 एक्टिव केस हैं तथा 784 मरीज होंम क्वॉरंटीन हैं। इनकी मॉनिटरिंग कोविड कमांड एवं कंट्रोल सेंटर से की जा रहीं है।