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सिवनी

सरकारी खजाने में 2.59 करोड़ की चपत, आरोपी फरार, सात बैंक खाते सीज

– पुलिस ने संदिग्धों को बिना सूचना शहर छोडऩे पर लगाई पाबंदी
– तीन महीने से फरार हैं ईनामी आरोपी सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके

सिवनीMay 23, 2024 / 07:30 pm

sunil vanderwar

कम्प्यूटर से रेकॉर्ड खंगालते पुलिस टीम।

कम्प्यूटर से रेकॉर्ड खंगालते पुलिस टीम।

सिवनी. आदिवासी विकास विभाग सिवनी के सहायक आयुक्त 2.59 करोड़ रुपए के गबन के आरोपी हैं। वे एफआईआर दर्ज होने के बाद से लगातार फरार हैं। अब पुलिस ने गबन के मामले में जांच तेज कर दी है। बुधवार को डिंडौरी पुलिस ने वहां के सहायक आयुक्त कार्यालय में दबिश देकर गबन से सम्बंधित रेकॉर्ड जब्त किए और संदिग्धों को बिना पुलिस को सूचना दिए शहर से बाहर जाने पर पाबंदी लगा दी है।
मुख्य आरोपी तत्कालीन सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके के लगातार फरार होने की दशा में डिंडौरी पुलिस ने बुधवार को सहायक आयुक्त कार्यालय में दबिश दी और मामले से जुड़ी अधिकांश फाइलें जब्त कर ली हैं। इसके साथ ही उन सात बैंक खातों को भी सीज कर दिया गया है, जिनके माध्यम से सरकारी राशि के गबन का आरोप हैं। इस बीच पुलिस ने सभी संदिग्ध फर्म संचालकों और कर्मचारियों को बगैर पुलिस में सूचना दिए शहर छोडऩे पर पाबंदी लगा दी है। इसके पूर्व जांच अधिकारी डिंडौरी कोतवाली प्रभारी अनुराग जामदार ने सभी को नोटिस तामील करके जांच में सहयोग को कहा था। लेकिन इस बाबद बरती गई लापरवाही के चलते अब पुलिस ने कड़ा रवैया अपनाना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि आदिवासी विभाग के सात बैंक खातों से 2.59 करोड़ के गबन की शिकायत पर डिंडौरी कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज है। इसकी पूछताछ के सिलसिले में पुलिस ने नौ संदिग्ध फर्म संचालकों को रविवार को भुगतान से संबंधित दस्तावेजों के साथ तलब किया था। इन फर्म को बड़ी राशि का भुगतान किया गया था। लेकिन नौ फर्मधारियों में से छह ही हाजिर हुए हैं। वह भी पूरे दस्तावेज़ पेश नहीं कर पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में पुलिस का शक गहरा रहा है।
सहायक आयुक्त कार्यालय की खंगाली फाइलें
सरकारी राशि के गबन के मामले में लगातार चल रहे पत्राचार के बावजूद सहायक आयुक्त कार्यालय डिंडौरी से जानकारी उपलब्ध कराने में टाल-मटोली हो रही है। जिससे डिंडौरी कोतवाली प्रभारी अनुराग जामदार बुधवार को सहायक आयुक्त कार्यालय पहुंचे और कंप्यूटर ऑपरेटर एवं सहायक ग्रेड-3 की नियुक्ति से संबंधित कागजों की मूल प्रति जब्त की है। आरोपी सहायक आयुक्त अमर सिंह के कार्यकाल में की गई इन 18 भर्तियों की निविदा, भर्ती आवेदन, प्रक्रिया, नोट शीट, आपत्ति एवं नियुक्ति आदेश सहित अन्य मूल अभिलेख पुलिस ने अपनी अभिरक्षा में लिए हैं।

इनको जारी हुए नोटिस-


विभाग के सात बैंक खातों से आरोपी अमर सिंह ने जिन नौ संदिग्ध फर्मों को मोटी राशि जारी की थी। उनमें कृष्णा टूर एंड ट्रेवल्स, अनुराग ट्रेडर्स, आलोक शर्मा, मीनाक्षी ट्रेडर्स, वैभव ट्रेडर्स, नीलेश नामदेव, मां रेवा टूर एंड ट्रेवल्स, नितिन ग्लास हाउस, मां नर्मदा टूर एंड ट्रेवल्स शामिल हैं।

यह है मामला-


गौरतलब है कि आदिवासी विभाग में 25 फरवरी से सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके के कार्यकाल में वर्ष 2019 से 21 जनवरी 2021 तक की अवधि में आदिवासी विकास विभाग डिंडौरी में भारी वित्तीय अनिमिताओं का मामला प्रकाश में आया था। लोकायुक्त जांच में यह घोटाला 2.59 करोड़ का पाया गया था। जिसके मद्देनजर डिंडौरी कलेक्टर विकास मिश्रा के निर्देश पर वर्तमान सहायक आयुक्त डॉ. संतोष शुक्ला ने तत्कालीन सहायक आयुक्त अमरसिंह उइके के विरूद्ध कोतवाली डिंडौरी में 21 फरवरी 2024 को धारा 420 व अन्य के तहत मामला दर्ज करवाया था।
डिंडौरी पुलिस अधीक्षक वाहिनी सिंह के निर्देश पर कोतवाली प्रभारी अनुराग जामदार टीम के साथ जगह-जगह दबिश दे रहें हैं। इसके साथ ही पुलिस ने आरोपी की संपत्ति की जानकारी जुटा ली है और उद्घोषणा कार्रवाई उपरांत आरोपी की चल-अचल संपत्ति की कुर्की की दिशा में कदम बढ़ा दिया है।
यह सात बैंक खाते सीज-

जिन सात बैंक खातों के माध्यम से फेरफेरी के इस अपराध को अंजाम दिया गया है। उनमें अनुसूचित जन जाति, राज्य छात्रवृति योजना, अनुसूचित जाति राज्य छात्रवृत्ति योजना, अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति योजना, रेडक्रास मद, क्रीडा मद, भारत स्काउट एवं गाइड योजना के बैंक खाते हैं। आरोप है कि इन्हीं बैंक खातों के माध्यम से छल पूर्वक विभिन्न व्यक्तियों एवं संस्थाओं, दुकानदारों को भुगतान कर शासकीय राशि का गबन किया गया है। पुलिस ने सभी खाते सीज करके शाखा प्रभारियों से भुगतान प्रक्रिया से जुड़े अभिलेख पेश करने कहा है।

इनका कहना है –

आरोपी अमर सिंह उइके के लगातार फरार होने और विवेचना में सहयोग नहीं करने पर आरोपी की चल-अचल संपत्ति की कुर्की की कार्रवाई होगी। सभी सात खातों को सीज करके इन खातों से लेन-देन करने वालों को बिना इजाजत शहर छोडऩे पर पाबंदी भी लगा दी गई है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए प्रयास सतत जारी हैं।

वाहिनी सिंह, पुलिस अधीक्षक डिंडौरी

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