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सिवनी

डिमॉस्ट्रेशन कक्ष में क्षमता से अधिक विद्यार्थी

पीजी कॉलेज का बदहाल प्रायोगिक कक्ष, स्टाफ की कमी

सिवनीFeb 11, 2018 / 02:55 pm

santosh dubey

College, practical, lab, student, science

Students wandering for the benefit of scholarship

सिवनी. एक छात्र को पढ़ाने के लिए सरकार लाखों रुपए सालाना खर्च कर रही है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले सरकारी कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए स्मार्ट क्लास, ई-लर्निंग सॉफ्टवेयर से पढ़ाई, स्मार्ट फोन, वाई-फाई, स्मार्ट प्रयोगशाला, कम्प्यूटर, प्रोजेक्टर वाले सेमिनार कक्ष, स्वच्छ पेयजल, खेलकूद मैदान समेत अनेक सुविधाएं शायद ही जिले के किसी एक सरकारी कॉलेजों में पूर्णत: मिल रही हो। इन्हीं में से एक नगर के भैरोगंज क्षेत्र स्थित शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के रसायन विभाग की प्रायोगिक कक्ष और छोटे से डिमॉस्ट्रेशन कक्ष में बदहाली, अव्यवस्था और छात्रों के बैठने तक की उचित व्यवस्था यहां नजर नहीं आईं।
पत्रिका की टीम शुक्रवार को जब पीजी कॉलेज के रसायन शास्त्र विभाग पहुंची तो यहां प्रेक्टिकल से पहले बीएससी चतुर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थियों को डिमॉस्ट्रेशन के लिए जिस कक्ष में बिठाया गया था, वहां क्षमता से अधिक विद्यार्थियों की उपस्थिति के कारण उन्हें बैठने और लिखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल रही थी। विद्यार्थी बैंच पर आपस में चिपक कर बैठे नजर आए। उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले साइंस के विद्यार्थियों को जिस रसायन शास्त्र की लैब में प्रैक्टिकल कराया जाता है वहां गंदगी और अस्वच्छता नजर आई। कैमिकल के रिजल्ट व अध्ययन के बाद द्रव, तरल पदार्थ को जहां फेका जाता वह स्थान गंदा दिखा।
प्रोफेसरों ने बताया कि पहले जहां साइंस छात्रों की संख्या कम थी और उसके एवज में प्रोफेसरों की संख्या पर्याप्त थी। लेकिन वर्तमान में यहां लगभग 1923 विद्यार्थियों के एवज में काफी कम स्टाफ है। इसके कारण सुबह से शाम तक तीन प्रेक्टिकल कक्षाएं संचालित की जाती है। ज्यादा बैच बनाए जाने पर छात्रों को 15-15 दिन में प्रेक्टिकल का नम्बर आएगा और उन्हें कम प्रेक्टिकल क्लास मिलेगी। वर्तमान में यहां तीन नियमित प्राध्यापक है। इनमें एक-एक प्राध्यापक व दो सहायक प्राध्यापक है। अतिथि विद्वान तीन और एक जनभागदारी से है, जहां 15 स्टाफ की आवश्यकता है वहां मात्र सात प्रोफेसर हैं। इससे पढ़ाई और प्रेक्टिकल प्रभावित हो रही है।

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पीजी कॉलेज में विद्यार्थियों की संख्या
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कक्षाएं सेमेस्टर बॉयो गणित
बीएससी प्रथम 450 250
बीएससी चतुर्थ 378 205
बीएससी षष्टम 382 196
एमएससी – 31 31
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कुल – १२४१ ६८२
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इनका कहना है
स्टाफ की कमी काफी है, छात्रों को अधिक से अधिक प्रेक्टिकल क्लास मिले इसके लिए अधिक छात्रों के बेच बनाए गए हैं जिससे कमरों में बैठने और प्रेक्टिकल में कुछ असुविधाएं हो रही हैं। स्टाफ की संख्या शीघ्र ही बढऩा चाहिए।

प्रो. संध्या श्रीवास्तव, एचओडी रसायासन शास्त्र, पीजी कॉलेज

इनका कहना है
शासन को हमने अतिरिक्त कक्ष का प्रपोजल व स्टाप की प्रतिपूर्ति के लिए पत्र लिखा है।
डॉ. सतीश चिले, प्राचार्य पीजी कॉलेज

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