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सिवनी

शमशान घाट से पुलिस उठा ले गई शव

वृद्धा का अंतिम संस्कार रोका, जिला अस्पताल प्रबंधन, पुलिस प्रशासन की लापरवाही

सिवनीApr 24, 2018 / 08:17 pm

santosh dubey

थाने में मामला दर्ज

देवली. वाट्सएप ग्रुप में युवती को लेकर गंदी व अश्लील भाषा वाली ऑडियो क्लिप वायरल करने का आरोप लगाते हुए एक जने इस्तगासे से हनुमाननगर पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है।

सिवनी. सिवनी. नगर के दादू मोहल्ला निवासी 83 वर्षीय वृद्धा को मंगलवार को जब उनके परिजन अंतिम संस्कार करने कटंगी मोक्षधाम पहुंचे तो कोतवाली पुलिस ने अंतिम संस्कार नहीं होने दिया। अंतिम संस्कार की पूरी तैयारियां होने के बावजूद शव लगभग ढाई घण्टे तक वैसा ही रखा रहा। इसे अस्पताल प्रबंधन और पुलिस प्रशासन की लापरवाही कही जाए कि पहले वृद्धा का शव अस्पताल ले जाने दिया गया बाद में प्रशासन पोस्टमार्टम कराने के लिए अड़ गया। पीएम होने के बाद शाम को वृद्धा अंतिम संस्कार हुआ। इस लापरवाही से शोकाकुल परिवारों में खासा आक्रोश व्याप्त है।
दादू मोहल्ला निवासी रामफली बाई दुबे 18 अप्रैल अक्षय तृतीया के दिन घर पर सुबह पूजन करने के दौरान दिए की आग से झुलस गई थीं। परिजन उपचारार्थ जिला अस्पताल में भर्ती कर उपचार करा रहे थे। सोमवार की रात लगभग 11 बजे रामफली की मृत्यु हो गई। जिस पर डॉ. कृष्णा सरोठिया ने अग्रिम कार्रवाई के लिए पुलिस को सूचना दे दी। इसके बाद परिजनों ने बुजुर्ग महिला की मृत्यु पर मौखिक और लिखित में देकर कहा कि हम पीएम नहीं कराना चाहते हैं। मंगलवार की सुबह 11 बजे अंतिम यात्रा निकाली गई जहां पुलिस ने पहले तो बीच रास्ते में शव यात्रा को मोक्षधाम जाने से रोका इसके बाद परिजनों ने जब किसी तरह से मोक्षधाम लेकर पहुंचे तो वहां पुलिस ने बिना पोस्टमार्टम किए शव का अंतिम संस्कार नहीं करने की बात कहते हुए दाह संस्कार नहीं होने दिया। दोपहर लगभग 1.20 बजे जिला अस्पताल से एम्बूलेंस वाहन पहुंचा और अस्पताल में पीएम होने के बाद पुन: शव को परिजनों को सौंप दिया गया। शाम को वृद्धा का अंतिम संस्कार हुआ। वहीं इस मामले में परिजनों का कहना है कि जब पीएम करना अनिवार्य ही था तो शव को मरचुरी में ही रखना था, परिजनों को किसी भी कीमत पर नहीं देना था।

पूजा करते लगी आग
रामफली बाई दुबे अक्षय तृतीया को घर के प्रथम तल पर पूजन कर रही थी। बाकी सदस्य नीचे थे। दीपक की लौ से वृद्धा की साड़ी में आग लग गई। स्थिेटिक कपड़े में आग तेजी से फैली और स्वयं बुझाने लगी। वहीं वृद्धावस्था के चलते जोर से चिल्ला भी नहीं पाई। जब उनकी पुत्री द्रोपदीबाई दुबे नीचे से ऊपर पहुंची तब तक रामफली बाई काफी झुलस गई थीं। परिजन उपचारार्थ जिला अस्पताल भर्ती किए जहां जीवन-मृत्यु के बीच संघर्ष के चार दिन बाद दम तोड़ दी।
फाइल में लिखकर शव ले जाएं
सोमवार की रात लगभग 11.30 बजे वृद्धा की मौत के बाद परिजनों में आशीष पाठक, रितेश्वर तिवारी, हेमंत मिश्रा ने बताया कि ड्यूटीरत डॉक्टर से शव ले जाने की अनुमति मांगी तो उन्होंने कहा रजिस्टर में लिखकर ले जा सकते हैं। जिस पर रात में ही रजिस्टर में किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई नहीं चाहते हैं और आपसी सहमति व स्वेच्छा से शव को ले जा रहे हैं ऐसा लिखकर रात लगभग एक बजे शव को ले गए। वहीं परिजनों का कहना है कि जब पीएम करना अनिवार्य ही था तो रात में शव को नहीं देना और दिए भी थे तो सुबह नौ बजेे पीएम के लिए शव को पुन: ले जाना था। मोक्षधाम से शव को ले जाने से शोकाकुल परिजनों काफी दु:खी हैं।
मोक्षधाम में रहा तनाव
वृद्धा की मौत के बाद जब पुलिस बल मोक्षधाम पहुंचा और अंतिम संस्कार करने से रोका तो काफी देर तक वहां तनाव की स्थिति बनी रही। लोगों का कहना था कि अस्पताल में पुलिस चौकी है और कोतवाली में भी जब रात में ही सूचना मिल गई थी तो पुलिस सुबह क्यों नहीं जागी? मोक्षधाम में पुलिस के हस्तक्षेप से शोकाकुल परिजनों में खासा आक्रोश व तनाव की स्थिति बनी रही।
इनका कहना है
आग से झुलसी वृद्धा की मौत पर डॉ. कृष्णा सरोठिया ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी थी। परिजनों ने पीएम नहीं कराने की बात कहते हुए अस्पताल से शव को घर ले गए। लेकिन ऐसे मामले में पीएम होता है, पीएम के बाद शव पुन: परिजनों को सौंप दिया गया।
डॉ. आरके श्रीवास्तव, सिविल सर्जन
जिला अस्पताल, सिवनी।

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