लाइजनिंग अफसर और गनमैन को छोड़ तीन दिन सैर
सभी आईएएस अफसर अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र की चुनाव प्रक्रिया पर निगरानी करने की बजाए, बांधवगढ़ नेशनल पार्क घुमने चले गए थे। सभी अफसर तीन दिन तक पार्क में ही सैर करते रहे। यह बात सतना कलेक्टर राहुल जैन ने भी भारत निर्वाचन आयोग को भेजी गई रिपोर्ट में कही है। इसमें कहा गया है कि प्रेक्षक अपने लाइजिनिंग अफसरों को बांधवगढ़ पार्क घुमने जाने की बात कहकर गए थे, वे अपने साथ न तो उन्हें ले गए न ही गनमैन को। अफसर 16 नवंबर को जाने के बाद 18 नवंबर को वापस लौटे थे। निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि प्रेक्षक को पार्क में घुमाने के लिए जिला स्तर से किसी प्रकार की कोई सहुलियत उपलब्ध नहीं कराई गई थी।
वेटनरी अफसर पर भी सवालिया निशान
सूत्रों की मानें तो प्रेक्षकों को रूकने, खाने और अन्य व्यवस्थाओं में एक वेटनरी अफसर भी शामिल हैं। सारी व्यवस्थाएं वेटनरी अफसर द्वारा ही की गई थी। प्रेक्षक बांधवगढ़ के एमपीटी के व्हाईट टाइगर फारेस्ट लॉज में रुके थे लेकिन आईडी किसकी उपयोग की, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
– होटल में रूकने पर प्रेक्षक किसकी आईडी से ठहरे हुए थे?
– प्रशासन ने सिर्फ 17 की सूची भेजी है, जबकि 16 और 18 की सूची खंगालने में भी कई नाम आएंगे।
– चेकपोस्ट अधिकांश खाली थे। यहां पर वाहनों की जानकारी क्यों नहीं है?
– जिप्सी वाहन के लिए पर्यटन चौकी के एक पुलिसकर्मी को कहा था, हालांकि बाद में मना कर दिया था।
इनका कहना है
कलेक्टर ने सीधे भारत निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट भेजी है। यदि रिपोर्ट में आता है कि वे बांधवगढ़ पार्क घुमने गए थे, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के साथ उन्हें हटाया भी जा सकता है। आयोग से निर्देश आने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा।
वीएल कांता राव, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी