किसानों की उम्मीदों पर पड़ी बारिश की बूंदे, खरीदी से पहले भीगी धान
उठाव न होने से सिंहपुर केन्द्र में खुले में रखी है दो हजार क्विंटल धान डेढ़ हजार क्विंटल से ज्यादा धान लेकर खरीदी का इंतजार कर रहे किसान
किसानों की उम्मीदों पर पड़ी बारिश की बूंदे, खरीदी से पहले भीगी धान
शहडोल. तीन दिन की बारिश ने जिले के किसानों को चौतरफा परेशान करके रख दिया है। खेत में लगी रबी की फसल में ओला-पाला का खौफ किसानों के अंदर है वहीं खरीदी केन्द्र में धान लेकर आए किसानों की धान भीग रही है। जिसके चलते उन्हे काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। शुक्रवार को जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर सिंहपुर खरीदी केन्द्र में किसान चिंतित नजर आए। परेशानी की मुख्य वजह बारिश के बीच खरीदी केन्द्र रखी उनकी धान थी। खुलेआसमान के नीचे महज तिरपाल के भरोसे रखे उनके धान के बोरे भीग गए है। जिसके चलते अब उन्हे यह चिंता सता रही है कि उनके धान की खरीदी होगी भी की नहीं।
खरीदी और उठाव बंद, धान लेकर इंतजार करते रहे किसान
सिंहपुर खरीदी केन्द्र में लगभग 2 हजार क्विंटल धान उठाव के अभाव में रखी हुई है। बारिश के चलते इनमें से सैकड़ो बोरे धान के भीग गए। जिसके चलते शुक्रवार को केन्द्र में खरीदी पूरी तरह से बंद रही। अब भीगे हुए बोरों को सुखाने की कवायद में लगे हुए हैं। सूखने पर उनका उठाव कराया जा सके।
वहीं गोदाम में कीचड़ की वजह से वाहनों का आवागवन भी प्रभावित हुआ है। जिसके चलते धान उठाव के लिए भी वाहन मौके में नहीं पहुंच पा रहे हैं।
किसानों की व्यथा: गिनती बची थी कि हो गई बारिश, चिंता है धान लेंगे या नहीं
सिंहपुर खरीदी केन्द्र में लगभग एक सप्ताह से किसान अपनी धान लेकर बैठे हैं। कंचनपुर के किसान पंकज पटेल, लक्ष्मण पटेल, उमेश पटेल, मणिलाल, रामलाल, बिरझू, पप्पू सोनी, अजय पटेल लगभग पांच दिन से खरीदी केन्द्र में धान लेकर बैठे हैं। जिनकी खरीदी अभी तक नहीं हो पाई है। इसी प्रकार पड़मनिया निवासी बृज बिहारी यादव एक सप्ताह से खरीदी केन्द्र में धान रखे हुए है। वहीं उधिया निवासी किसानों की भी धान एक सप्ताह से रखी हुई है जिसकी खरीदी नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि जिनकी धान वारदानों में पलट ली गई है व सिलाई के साथ टैग लगाने का काम हो गया है उसे भी अभी तक समिति प्रबंधक द्वारा गिना नहीं गया। जिसके चलते किसान बोरो को गिनने के इंतजार में खरीदी केन्द्र में अटके हुए हैं। लगभग एक दर्जन किसान खरीदी केन्द्र में अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
बारिश के बाद इस तरह की समस्याएं
1. जमीन भी गीली है और मौसम में भी नमी है इससे धान गीली होगी।
2. किसानों की नमीयुक्त धान की खरीदी में होगी समस्या।
3. उठाव के अभाव में जो धान भीगी है उसकी मिलिंग में समस्या होगी। जिससे शासन को नुकसान होगा।
4. जगह के अभाव व समय पर उठाव न होने के चलते किसानों की धान खरीदी नहीं हो पा रही है।
5. बारिश के चलते भी प्रभावित रहा खरीदी व उठाव का कार्य।
6. खरीदी केन्द्रो में धान रखने की नहीं है समुचित व्यवस्था।
7. हर वर्ष होती है बारिश फिर भी तिरपाल के ही भरोसे।
8. कभी बारदान का अभाव तो कभी सिलाई मशीन की समस्या।
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