बता दें कि गुरुवार देर रात्रि आवारा पशुओं से परेशान गांव काबडौत के किसानों तथा ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई न किये जाने पर आवारा पशुओं को गांव के कृष्णा विद्या मंदिर हाईस्कूल में बंद कर दिया। किसानों ने आरोप लगाया कि आवारा पशु फसलों को नुकसान पहुंच रहे हैं। कई लोगों को टक्कर मारकर घायल भी कर चुके हैं। शहर में तो पशुओं को पकड़ने का अभियान चल रहा है, लेकिन गांवों में कोई कार्यवाही नहीं की गई।
ऐसे में गुरुवार दोपहर ग्रामीण एकत्र हुए और आवारा पशुओं को पकड़ने का अभियान चलाया। शाम तक दो दर्जन से अधिक पशु पकड़े और सभी को गांव के कृष्णा विद्या मंदिर हाईस्कूल में बंद कर दिया। इसके बाद प्रासन को सूचित किया गया कि पशु पकड़ लिए हैं और अब इन्हें यहां से ले जाया जाए। प्रासन को जब पता चला कि स्कूल में पशु बंद किए हैं तो उनके हाथ-पांव फूल गए। तहसीलदार कोतवाली प्रभारी निरीक्षक के साथ मौके पर पहुंचे और किसी तरह ग्रामीणो को समझाने बुझाने का प्रयास किया। बाद में जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हुए और आवारा पशुआें को स्कूल से बाहर निकाला गया। भाकियू भानु के महासचिव अनिल मलिक, ग्राम प्रधान सुबोध कुमार ने बताया कि पूरा गांव पशुओं को खुला छोड़ने के विरोध में है। भारी मशक्कत के बाद इन्हें पकड़ा गया है।