बदहाल सड़क मार्ग, बरसात में घरों में कैद हो जाते हैं ग्रामीण
मामला ढोढर कस्बे के करीब 9 गांव का
बदहाल सड़क मार्ग, बरसात में घरों में कैद हो जाते हैं ग्रामीण
श्योपुर
ढोढर कस्बे में आधा दर्जन से अधिक ऐसे गांव हैं जहां पक्की सड़क तक नहीं है। ऐसे में इन गांव के लोगों को बरसात के दिनों में घरों में कैद होकर रहना पड़ता है। डिलेवरी के लिए अगर किसी महिला को अस्पताल पहुंचा हो तो कोई वाहन भी गांव तक नहीं पहुंच पाता। ग्रामीण कई बार डामरीकरण की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हो सकी है।
निमदा, बिलोनी, बंद, चिक्क, मल्लु का पुरा, भूतकक्षा, पाताल गढ़, माधो का डेरा, चोकी खारा बंजारो का डेरा सहित कई गांव के ग्रामीण सड़क मार्ग की समस्या से जूझ रहे हैं। बरसात के दिनों में ढोढर सहित जिला मुख्यालय तक पहुंचा इन गांव के लोगों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं।
यह बोले ग्रामीण
यह दुर्भाग्य है कि अभी तक इन गांवों को सड़क मार्ग से नहीं जोड़ा गया है। सबसे ज्यादा परेशानी बरसात में आती है।
संतोष केवट, निवासी मल्लू का पुरा
हमारे सामने बरसात में मुश्किल तब हो जाती है जब कोई घर में बीमार हो जाए या डिलेवरी होना हो तब हमें गिरते पड़ते ढोढर पहुंचना पड़ता है।
बाबूलाल, आदिवासी, निवासी नीमदा
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