वीर रस की कविता सुना भर दिया जोश
वीर रस के कवि साजन ग्वालियरी ने अपना काव्य पाठ किया गया। “अब भ्रमर बन पुष्पों की सुगन्ध नहीं लिख सकता मे, देश की रक्षा करते करते निज प्राणों को भी वार दिया, वतन के वीर जवानों ने अपना सर्वस्व निसार दिया, मध्य रात्रि चोरी से छिपकर दुश्मन ने है वार किया। कवित्री चेतना शर्मा ने दिलदारों जैसी बातें कर रहा है रंगीन बुढ़ापा, यह नीचे बैठे ठंडी आहें भर रहा है रंगीन बुढ़ापा, चलना फिरना है मुश्किल पर जोश देखिए कैसा है। इनके बाद राजस्थानी कवि बूंदी से अंदाज हाड़ोती ने अपने सुरीले कंठ से श्रृंगार गीत गाकर लोगों का मन मोह लिया। कवियत्री शुभम तिवारी व भूपेंद्र राठौर के बीच तीखीं नोकझोंक हुई।