प्रधानमंत्री ने दिया था आशा नाम
बता दें, सितंबर में पीएम नरेंद्र मोदी ने कूनो में चीता प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया था। तब उन्होंने 3 चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ा था। उन्होंने ही एक मादा चीता का नाम आशा रखा था। बाद में इसी आशा के गर्भवती होने की खबरें सामने आईं, लेकिन सभी अफवाह साबित हुई हैं। बता दें, नामीबिया से लाए गए 8 चीतों (3 नर व 5 मादा) कूनो में बेहतर ढंग से सर्वाइव कर रहे हैं। उनकी निगरानी की जा रही है।
72 दिन बाद छोड़ी गईं मादा चीता
17 सितंबर से क्वॉरंटीन 2 मादा चीता को 27 नवंबर को बड़े बाड़े में छोड़ा गया था। इस लिहाज से 72 दिन बाद ये दोनों छोटे बाड़े से निकली हैं। इससे पहले 5 नवंबर को दो नर चीते और 18 नवंबर को एक नर चीते को बड़े बाड़े में छोड़ा गया था। ये वहां प्राकृतिक रूप से भी शिकार कर रहे हैं।
छह वर्ग किमी का है बड़ा बाड़ा
छह वर्ग किमी के घेरे में चीते शिकार को मारकर खाएंगे और स्वाभाविक रूप से खुद को ढाल लेंगे। बाड़े में पहले से ही हिरण, जंगली सुअर, नीलगाय और अन्य वन्य जीवों को चीतों के शिकार करने के लिए रखा गया है। यहां तीन से चार महीने बिताने के बाद चीतों को जंगल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
24 घंटे में चार बार मिलेगी लोकेशन
वन विभाग के अधिकारी बड़े बाड़े में छोड़े गए चीतों की, उनके गले में पहनाए गए कॉलर आईडी से मॉनीटरिंग करेंगे। कॉलर आईडी से चीतों की लोकेशन सेटेलाइट के माध्यम से दिन में चार बार वन विभाग के अधिकारियों को सिस्टम पर ऑटोमैटिक मैसेज के माध्यम से मिलेगी। इसकी मदद से टीम जरूरत पड़ने पर चीतों के पास पहुंच सकेगी।