बताया गया है कि आचार संहिता से पूर्व जिले में जो 20614 ऋण प्रकरण स्वीकृत हुए हैं, उनमें 19 हजार 71 प्रकरण जिला सहकारी बैंक के हैं। इनके लिए 66 करोड़ 52 लाख 41 हजार रुपए की राशि ऋण माफी के लिए चाहिए, लेकिन सरकार ने सहकारी बैंकों को मंगलवार को महज 2 करोड़ 31 हजार 16 हजार रुपए ही भेजे हैं। ऐसे में सहकारी बैंकों के अफसर असमंजस में हैं कि इस राशि का कैसे समायोजन करेें। क्योंकि सरकार ने जो राशि भेजी है, वो भी 19071 में से चालू वर्ष के 4303 किसानों के 7 करेाड़ 65 लाख रुपए के एवज में भेजे हैं, लेकिन ये राशि भी पूरी नहीं हो रही है। यही वजह है कि सहकारी बैंक के किसानों के खाते ऋणमाफी का इंतजार कर रहे हैं।
सहकारी संस्थाओं द्वारा ओवरड्यू किसानों से वसूले गए चक्रवृत्ति ब्याज की जगह अब साधारण ब्याज की दर से ब्याज की गणना की जाएगी। पत्रिका द्वारा भी मामले को उठाया गया था। जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी मातादीन डंडोतिया ने बताया कि सहकारी संस्थाओं द्वारा कालातीत ऋण पर व्यवसायिक दर से चक्रवृत्ति ब्याज की गणना की गई थी। इस संबंध में वरिष्ठ कार्यालय से मार्गदर्शन चाहा गया, जिसके बाद संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं चंबल संभाग से साधारण ब्याज की दर से गणना करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इसी को लेकर हमने सभी सहकारी समितियों को ओवरड्यू किसानों का ऋण साधारण ब्याज से गणना कर वसूली के लिए निर्देशित किया है और इसी गणना के आधार पर ऋणमाफी भी होगी।
बैंक का नाम किसानों की संख्या
जिला सहकारी बैंक 19071
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 993
सेंट्रल मप्र ग्रामीण बैंक 170
यूको बैंक 169
पंजाब नेशनल बैंक 131
बैंक ऑफ इंडिया 32
कैनरा बैंक 16
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 16
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 14
बैंक ऑफ बड़ौदा 01
आइडीबीआई 01