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किसानों को आए मैसेज लिखा-अब आचार संहिता बाद होगी ऋणमाफी

किसानों को आए मैसेज लिखा-अब आचार संहिता बाद होगी ऋणमाफीश्योपुर में 48 हजार 889 ऋणी किसानों में से 20 हजार 614 के क्लेम हुए स्वीकृत, लेकिन इनके खातों में भी नहीं पहुंची अभी राशि

श्योपुरMar 14, 2019 / 08:27 pm

jay singh gurjar

sheopur

किसानों को आए मैसेज लिखा-अब आचार संहिता बाद होगी ऋणमाफी

श्योपुर,
बीते डेढ़ महीने से चल रही जय किसान ऋणमाफी योजना की कागजी प्रक्रिया प्रक्रिया पर अब आचार संहिता ने ब्रेक लगा दिया है। ऐसे में अब किसानों के मोबाइल पर सीएम के नाम से मैसेज आने लगे हैँ, जिसमें लिखा है कि आपका आवेदन प्राप्त हो गया है, ऋणमाफी आचार संहिता के बाद होगी। इससे किसान परेशान हैं।
विशेष बात यह है कि आचार संहिता लगने से पहले जिले के जिन किसानों के ऋण माफी प्रकरण स्वीकृत हो चुके हैं, उनके खाते में भी राशि नहीं पहुंची है। यही वजह है कि आचार संहिता लगने के बाद किसान अब बैकों के चक्कर लगा रहे हैं और पूछ रहे हैं कि हमारा कर्जा माफ हुआ या नहीं? बताया गया है कि सरकार ने पहले चरण में चालू वर्ष के लघु सीमांत किसान लिए हैं, जिनका ऋण 50 हजार से कम है, लेकिन इन्हें भी राशि नहीं आई है।
बताया गया है कि जय किसान ऋण माफी योजना की प्रक्रिया में श्योपुर जिले में 49 हजार 993 किसानों के आवेदन ऋणमाफी के लिए आए, जिसमें से 48 हजार 889 किसानों के आवेदन ऋणमाफी पोर्टल पर ऑनलाइन किए गए। चूंकि सरकार की योजना में इन सभी किसानों का ऋण माफ होना है, लेकिन आचार संहिता के पूर्व जिले में 20 हजार 614 किसानों के ही प्रकरणों को स्वीकृति मिली, जिनका लगभग 70 करोड़ रुपए माफ हुआ है। बताया गया है राष्ट्रीयकृत बैंकों के प्रकरणों को छोड़ दिया जाए तो सहकारी बैंकों के किसानों के ऋण खाते में अभी तक एक रुपया भी नहीं डला है।
19 हजार किसानों को 66 करोड़ की जरुरत, मिले सवा दो करोड़
बताया गया है कि आचार संहिता से पूर्व जिले में जो 20614 ऋण प्रकरण स्वीकृत हुए हैं, उनमें 19 हजार 71 प्रकरण जिला सहकारी बैंक के हैं। इनके लिए 66 करोड़ 52 लाख 41 हजार रुपए की राशि ऋण माफी के लिए चाहिए, लेकिन सरकार ने सहकारी बैंकों को मंगलवार को महज 2 करोड़ 31 हजार 16 हजार रुपए ही भेजे हैं। ऐसे में सहकारी बैंकों के अफसर असमंजस में हैं कि इस राशि का कैसे समायोजन करेें। क्योंकि सरकार ने जो राशि भेजी है, वो भी 19071 में से चालू वर्ष के 4303 किसानों के 7 करेाड़ 65 लाख रुपए के एवज में भेजे हैं, लेकिन ये राशि भी पूरी नहीं हो रही है। यही वजह है कि सहकारी बैंक के किसानों के खाते ऋणमाफी का इंतजार कर रहे हैं।
…इधर साधारण ब्याज से होगी किसानों के ब्याज की गणना
सहकारी संस्थाओं द्वारा ओवरड्यू किसानों से वसूले गए चक्रवृत्ति ब्याज की जगह अब साधारण ब्याज की दर से ब्याज की गणना की जाएगी। पत्रिका द्वारा भी मामले को उठाया गया था। जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी मातादीन डंडोतिया ने बताया कि सहकारी संस्थाओं द्वारा कालातीत ऋण पर व्यवसायिक दर से चक्रवृत्ति ब्याज की गणना की गई थी। इस संबंध में वरिष्ठ कार्यालय से मार्गदर्शन चाहा गया, जिसके बाद संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं चंबल संभाग से साधारण ब्याज की दर से गणना करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इसी को लेकर हमने सभी सहकारी समितियों को ओवरड्यू किसानों का ऋण साधारण ब्याज से गणना कर वसूली के लिए निर्देशित किया है और इसी गणना के आधार पर ऋणमाफी भी होगी।
जिले में बैंकवार स्वीकृत ऋण प्रकरणों की संख्या
बैंक का नाम किसानों की संख्या
जिला सहकारी बैंक 19071
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 993
सेंट्रल मप्र ग्रामीण बैंक 170
यूको बैंक 169
पंजाब नेशनल बैंक 131
बैंक ऑफ इंडिया 32
कैनरा बैंक 16
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 16
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 14
बैंक ऑफ बड़ौदा 01
आइडीबीआई 01

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