दरअसल ग्राम पंचायत नहरखेड़ा के अन्तर्गत आने वाला सेहुला गांव पहले अपरककेटो बांध के डूब क्षेत्र में बसा था। इसलिए अपर ककेटो बांध के निर्माण के दौरान सेहुला गांव को वहां से विस्थापित करते हुए दूसरी जगह बसाया गया। हालांकि विस्थापन के दौरान ग्रामीणों को सभी सुविधाएं मुहैया कराए जाने का आश्वासन शासन प्रशासन की ओर से दिया गया। जिसके भरोसे गांव के लोग अपने मकान और खेतीबाड़ी सहित स्कूल भवन सहित अन्य कई सुविधाओं को छोड़कर दूसरी जगह आकर बस गए। लेकिन पांच साल का समय निकल जाने के बाद भी इस गांव में लोगों को कई जरुरी सुविधाएं भी अभी तक मिल नहीं सकी है। स्कूल और आंगनबाड़ी के लिए भवन भी अभी तक बन नहीं सके है। जिसकारण स्कूल और आंगनबाड़ी का संचालन झोपड़ी में किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सुविधाओं के लिए कई बार जिम्मेदारों को अवगत भी कराया गया। मगर इसके बाद भी जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे रहे है।
हर मौसम में उठानी पड़ रही परेशानी
स्कूल भवन न होने से शासकीय प्राथमिक विद्यालय सेहुला का संचालन झोपड़ी में किया जा रहा है। वहीं आंगनबाड़ी भी झोपड़ी में चल रही है। ऐसे में स्कूल और आंगनबाड़ी में आने वाले बच्चों को खासी परेशानियां झेलनी पड़ रही है। वहीं स्कूल और आंगनबाड़ी स्टॉफ को भी अपना रिकॉर्ड रखने में भी असुविधाएं हो रही है। भवन के अभाव में स्कूल व आंगनबाड़ी स्टॉफ को अपना रिकॉर्ड अपने साथ ही घर ले जाना पड़ रहा है।
मामले की जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी।
एनआर गौड़, एसडीएम,विजयपुर