ऊंडाखाड़ा हनुमान मंदिर के संतगणों के सानिध्य में जिला, राष्ट्र और विश्व में खुशहाली, अमनचैन और मंगल कामना के लिए गत 4 जून को चंद्रसागतर तालाब से लाई गई भव्य कलश यात्रा से प्रारंभ हुए 21 कुंडीय महायज्ञ की बुधवार को पूर्णाहुति हुई तो महायज्ञ की महाप्रसादी पाने श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। यही वजह रही कि सुबह से भंडारा शुरू हो गया और जैसे जैसे दिन चढ़ता गया श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती गई। उमस भरी गर्मी के बावजूद महायज्ञ के महाभंडारे में लगभग एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने महाप्रसादी ग्रहण की। मंदिर के आसपास के खेतों में भंडारे के लिए अलग-अलग पांडाल लगाए गए, जिसमें एक बार में सैकड़ों श्रद्धालुओं ऊंच-नीच का भेद भुलाकर एक पंगत में भोजन करते नजर आए। यही वजह रही कि देर शाम तक भंडारा अनवरत जारी रहा। महायज्ञ में श्रद्धालुओं के अलावा विभिन्न स्थानों से सैंकड़ों संत भी पहुंचे और देवरी की पावन धरा को और पवित्र किया। वहीं जनप्रतिनिधियों, नेताओं, अधिकारी कर्मचारियों ने भी शिरकत की।
वाहनों की रही रैलमपेल
महायज्ञ की पूर्णाहुति और भंडारे में शिरकत करने के लिए न केवल जिले के लोगों ने शिरकत की बल्कि राजस्थान से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। जिसके चलते दिन भर श्योपुर-बारां हाईवे पर वाहनों की रैलमपेल लगी रही। कोई ट्रेक्टर-ट्रॉलियों में महायज्ञ में पहुंचा तो कोई जीप, ऑटो आदि से। दुपहिया वाहनों की तो गिनती ही नहीं थी।