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शिवपुरी

सरकारी छात्रावास के लिए चल रही खुदाई में मिला 11वीं सदी का जैन मंदिर व आदिनाथ की प्रतिमा

आदिनाथ जयंती पर मूर्ति निकलने को विशेष मान रहे जैन समाज के लोग
हॉस्टल निर्माण के लिए की जा रही थी खुदाई, अभी तक 27 मूर्तियों के पीस व मंदिर के अवशेष मिले, रोकी खुदाई

शिवपुरीMar 18, 2020 / 05:38 pm

हुसैन अली

सरकारी छात्रावास के लिए चल रही खुदाई में मिला 11वीं सदी का जैन मंदिर व आदिनाथ की प्रतिमा

सरकारी छात्रावास के लिए चल रही खुदाई में मिला 11वीं सदी का जैन मंदिर व आदिनाथ की प्रतिमा

शिवपुरी. शहर के मध्य से गुजरी झांसी रोड पर आईटीआई के सामने शासन द्वारा बनवाए जा रहे शासकीय छात्रावास के लिए ठेकेदार द्वारा की जा रही खुदाई में मंगलवार की देर शाम 11वीं सदी का जैन मंदिर व भगवान आदिनाथ की जैन प्रतिमा सहित दर्जनों प्रतिमाएं निकलीं। यह पूरा घटनाक्रम आदिनाथ जयंती के अवसर पर हुआ, इसलिए इसे विशेष माना जा रहा है। बुधवार की सुबह जब इस बात की खबर शहर में फैली तो मौके पर जैन मुनि सहित समाज के लोग पहुंच गए और भगवान के दर्शन के लिए लोगों का तांता लगने लगा।
सरकारी छात्रावास के लिए चल रही खुदाई में मिला 11वीं सदी का जैन मंदिर व आदिनाथ की प्रतिमा
जानकारी के अनुसार पीआईयू द्वारा आईटीआई के सामने छात्र व छात्राओं के लिए दो अलग-अलग सौ सीटर छात्रावासों का निर्माण कराया जा रहा है। इस निर्माण कार्य को शहर के ठेकेदार जिनेश जैन कर रहे हैं। लंबे समय से चल रहे इस निर्माण कार्य के दौरान मंगलवार को भी खुदाई की जा रही थी। इसी खुदाई के दौरान निकली मिट्टी व पत्थरों की लोडिंग-अनलोडिंग का काम जब चल रहा था तभी शाम करीब छह बजे लेबर को मिट्टी व पत्थरों के बीच कुछ मूर्तियां दिखाई दीं। यह मूर्तियां प्रथम दृष्टया ही जैन धर्म से जुड़ी हुई प्रतीत हो रही थीं। लेबर ने रात में इस बात की जानकारी ठेकेदार जिनेश जैन को दी तो उन्होंने सुबह मौके पर आकर देखा।
प्रथम दृष्टया उन्हें लगा कि जिस जगह पर खुदाई का काम चल रहा है वहां जमीन के अंदर शायद कोई मंदिर है और जो मूर्तियां खुदाई में निकली हैं वह जैन धर्म से जुड़ी हैं। उन्होंने तत्काल मामले की जानकारी छत्री जैन मंदिर के अध्यक्ष राजकुमार जैन सहित समाज के अन्य लोगों को दी। सूचना मिलते ही सभी लोग मौके पर पहुंच गए और उन्होंने मिट्टी के अंदर मूर्तियों की तलाश की व उनकी साफ सफाई करवाई।
मूर्तियों की साफ सफाई के बाद यह माना गया कि यह प्रतिमाएं ११वीं सदी (यानि करीब १ हजार साल पुरानी) की हैं और जो प्रतिमा निकली है वह भगवान आदिनाथ की है। जिस जगह पर खुदाई के दौरान यह प्रतिमाएं मिली हैं, उस जगह पर जमीन के अंदर मंदिर होने के अवशेष भी मिल रहे हैं। समाज के लोगों का कहना है कि मंगलवार को भगवान अदिनाथ की जयंती थी और उन्हीं की जयंती के अवसर पर यह प्रतिमा निकली हैं, इसलिए इस प्रतिमा का विशेष महत्व और विशेष कारण है। जमीन के अंदर से भगवान आदिनाथ की प्रतिमा व मंदिर निकलने की सूचना जब छत्री जैन मंदिर पर विराजमान जैन मुनी सुव्रत सागर जी महाराज को लगी तो वह भी खुदाई स्थल पर पहुंच गए और भगवान के दर्शन किए। उनके अलावा समाज के लोग भी दिन भर दर्शनों के लिए आते रहे।
ऐसे हुई मूर्ति की पहचान

समाज के जिम्मेदार लोगों ने बताया कि जैन प्रतिमाओं पर भगवान की प्रतिमाओं की पहचान विशेष चिन्हों के आधार पर होती है। इस मूर्ति पर बैल का चिन्ह है, जो स्पष्ट कर रहा है कि यह प्रतिमा भगवान आदिनाथ भगवान की है। इसके अलावा प्रतिमा पर इस बात का भी उल्लेख किया जाता है कि प्रतिमा कब बनाई गई है, इस प्रतिमा पर विक्रम संवत 1140 अंकित है। इससे यह माना जा रहा है कि प्रतिमा 11वीं सदी की है और मंदिर के अवशेष भी खुदाई में निकलकर सामने आए हैं, जो इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि मंदिर 11वीं शताब्दी का है।
एक-चार का गार्ड करेगा प्रतिमाओं की सुरक्षा

जब जैन मुनि सुब्रत सागर महाराज मौके पर पहुंचे तो उन्होंने समाज के लोगों से हुई बातचीत के बाद प्रशासन की ओर से मौके पर पहुंचे एसडीएम अतेंद्र गुर्जर व एसडीओपी शिवसिंह भदौरिया के समक्ष मांग रखी कि फिलहाल जो मूर्तियां निकल कर सामने आई हैं उनमें भगवान आदिनाथ की प्रतिमा शांगोपांग (अखंडित) है। ऐसे में उक्त प्रतिमा को मंदिर में रखवा दिया जाए, परंतु इस पर प्रशासनिक अधिकारी तैयार नहीं हुए। काफी बातचीत के बाद एसपी व कलेक्टर को फोन लगाकर बात की गई और दोपहर तीन बजे पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल ने जैन समाज के सामने यह प्रस्ताव रखा कि आप लोग और खुदाई करना अथवा करवाना चाहते हैं तो करवा लें, उस समय तक यह प्रतिमाएं यहीं रखी रहेंगी और प्रतिमाओं की सुरक्षा के लिए एक-चार का गार्ड लगवा दिया जाएगा। पुलिस अधीक्षक के इस प्रस्ताव पर समाज के लोग भी तैयार हो गए।
इनका कहना है

-फिलहाल प्रतिमाएं प्रशासन के पास ही रहेंगी, जिस समय तक कोई फैसला नहीं हो जाता प्रतिमाओं को वहीं रखा जाएगा और प्रतिमाओं की सुरक्षा में एक-चार का गार्ड लगाया जाएगा।
राजेश सिंह चंदेल, पुलिस अधीक्षक

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