यूं तो मौसम के मिजाज बीते रविवार से ही बदले हुए हैं, लेकिन सोमवार को पूरे दिन रिमझिम के बाद आग मंगलवार को फिर आसमान पर बादल छा गए। दोपहर लगभग डेढ़ बजे एकाएक तेज बूंदाबांदी शुरू हो गई और देखते ही देखते यह बूंदाबांदी तेज बारिश में बदल गई। स्थिति यह बनी कि जो जहां था, वो वहीं रुककर रह गया। क्योंकि बारिश की रफ्तार इतनी तेज थी कि चंद मिनट में लोग पूरी तरह से बरबतर हो रहे थे। लगभग एक धंटे तक तेज बारिश के बाद रिमझिम का क्रम शाम तक जारी रहा। इस बेमौसम बारिश के बाद जहां वातावरण में से गर्मी पूरी तरह से गायब हो गई, वहीं पारा भी नीचे सरक कर अधिकतम तापमान 30 व न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। मौसम में ठंडक घुलने व हवाओं में नमी होने से चलने वाले पंखे भी ठंडी हवा देने लगे, जबकि लोगों ने कूलर तो पिछले दो दिन से बंद ही कर दिए। वहीं शहर में कई ऐसी कॉलोनियां हैं, जिनमें अभी भी रास्ते कच्चे हैं। इन कॉलोनियों में मिटटी के रासते जहां कीचड़ में तब्दील हो गए, वहीं गड्ढो में पानी भर जाने से उनकी गहराई का अंदाजा भी नहीं हो पा रहा था। जिसके चलते लोगों को आवाजाही में भी परेशानी झेलनी पड़ी।
भौंती खरीदी केंद्र पर 15 हजार क्विंटल गेहूं भीगा भौंती. शासकीय समर्थन मूल्य गेहूं खरीदी केंद्र पर किसानों से खरीदा गया हजारों क्विंटल गेहूंं प्रशासन की लेतलाली के चलते दोपहर में बरसे पानी की भेंट चढ़ गया। भौंती मैं तीन खरीद केंद्र हैं। इनमें भौंती के दो खरीदी केंद्र और मनपुरा एक खरीदी केंद्र तीनों को मिलाकर लगभग 15 हजार क्विंटल से अधिक गेहूं पानी में भीगता हुआ दिखाई दिया। खरीदी केंद्र प्रभारी मंगल सिंह तथा जयप्रकाश अग्रवाल की माने तो ठीक समय पर परिवहन नहीं होने के कारण गेहूं भीग गया। वहीं पिछले 3 दिनों से परिवहन ना होने के कारण तथा बारदाना ना होने के कारण किसानों के गेहूं से भरे ट्रैक्टर भी खड़े हैं, जिनका गेहूं भी नहीं तुल पा रहा है। बारिश होने पर किसान अपने ट्रैक्टरों के गेहूं को तो ढक लेते हैं, लेकिन खुले आसमान के नीचे पड़ा लगभग 30 हजार से अधिक कट्टों में भरा गेहूं पानी में भीग रहा है। सूत्रों की माने तो कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा कंप्यूटर में एंट्री ना होने के कारण परिवहन नहीं किया जा रहा है। इस लेटलतीफी के कारण न तो किसानों का समय पर गेहूं ही तुल रहा है और न ही परिवहन हो रहा है, जिसके चलते खुले में रखा गेहंू भीग रहा है।