बुझ गया घर का इकलौता चिराग
जिला अस्पताल में जब लोगों को यह पता चला कि संदीप की मौत पुलिस की कथित लापरवाही के कारण हुई है और वह दो बहनों के बीच पिता का इकलौता बेटा था तो अस्पताल में लोग आपस में यह चर्चा करते सुने गए कि पुलिसकर्मियों में मानवीय संवेदनाएं पूरी तरह से मर जाती हैं। अगर पुलिस इसे समय पर अस्पताल ले आती तो शायद घर का इकलौता चिराग नहीं बुझता।
हमें परिजनों ने ऐसी कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है कि पुलिस ने लापरवाही बरती है, हमने उनसे पूछा भी था। मृतक की सांसें नहीं चल रही थीं, यह बात उसके परिजनों को भी समझ में आ गई थी। वह केवल डॉक्टर से पुष्टि के लिए जाना चाहते थे। पुलिस की गाड़ी से उसे इसलिए उतारा था क्योंकि वहां उनकी गाडिय़ां व ऑटो आ गए थे।
अनीता मिश्रा. टीआई, फिजीकल