अमोला क्रमांक-एक, दो व तीन में दो किराने की दुकानें हैं, जिनमें कफ्र्यू के कुछ दिनों तक तो सामान मिलता रहा, लेकिन अब उन दुकानों पर भी सामान खत्म हो गया, तो दुकानदार ने शटर ही बंद कर दी। चूंकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग राशन आदि लेने के लिए शहर तक नहीं आते, बल्कि वो अपनी पूरी खरीदारी गांव की दुकान से ही करते हैं।
ग्रामीण क्षेत्र का पंचायत सचिव या तहसीलदार वहां से छोटे दुकानदारों का पास बनाएं, ताकि वे शिवपुरी शहर में थोक दुकानदारों से राशन लेने आ सकें। उस पास के आधार पर वे कफ्र्यू में भी खरीदारी कर सकते हैं तथा अपनी दुकान का सामान ले जाने के बाद ग्रामीणों को वो दे सकते हैं।