आठ वर्ष में भी नहीं पूरा हो पाया रीवा-सीधी सिंगरौली राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण
हिचकोले खाने को मजबूर यात्री, बारिश के मौसम में बढ़ जाती है परेशानी, जिले के स्टेट हाइवे भी हो रहे गड्ढों में तब्दील, जिले में सात स्टेट हाइवे व एक राष्ट्रीय राजमार्ग
Construction of Rewa-Sidhi Singrauli National Highway could not be com
सीधी। पिछले करीब तीन वर्षों में जिले की सड़कों में सुधार तो हुआ है, लेकिन अधूरा निर्माण कार्य यात्रियों के लिए फजीहत बना हुआ है। जिले से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-39 का निर्माण कार्य करीब आठ वर्षों में भी पूरा नहीं हो पाया है। रीवा से सीधी के बीच की दूरी करीब 78 किमी है, जिसमें करीब 16 किमी जिसमें चुरहट बाईपास व मोहनिया घाटी में सुरंग निर्माण का कार्य अभी अधूरा पड़ा हुआ है। वहीं सीधी से सिंगरौली के भाग का करीब सीधी जिले अंतर्गत आने वाली 35 किमी (सीधी से बहरी) फोर लेन सड़क मार्ग में टू लेन का तो कार्य पूरा हुआ लेकिन टू लेन अभी पूरी तरह से अधूरा पड़ा हुआ है। वहीं जो सड़क बनी वह भी गड्ढों मेें तब्दील हो चुकी है। इधर जिले मे सात राजकीय राजमार्गों में भी जगह-जगह गड्ढों हो जाने से आवाजाही में परेशानी हो रही है।
राष्ट्रीय राजमार्ग की जर्जर हालत बनी परेशानी का सवब-
सीधी से सिंगरौली राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-39 की हालत पिछले करीब तीन दशक से काफी जर्जर है। सीधी से सिंगरौली की दूरी करीब 124 किमी है, जिसमें सीधी से बहरी गोपद नदी की सीमा तक करीब 35 किमी सीधी जिले के अंतर्गत व शेष भाग सिंगरौली जिले के अंतर्गत आता है। इस राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य करीब आठ वर्ष पूर्व स्वीकृत हुआ था, करीब सात वर्ष से इसका निर्माण कार्य चल रहा है, जो अभी भी पूरा नहीं हो पाया है। मार्ग की जर्जर हालत के कारण आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं, जिससे लोग अपनी जान गवां रहे हैं। हलांकि सीधी से बहरी तक मार्ग के टू लेन का निर्माण तो पूरा हुआ लेकिन शेष टू-लेन मार्ग पूरी तरह से अधूरा है, वहीं निर्मित हो चुके मार्ग में भी जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं, जबकि बहरी से देवसर तक करीब 35 किमी मार्ग की हालत काफी जर्जर है, खाईनुमा गड्ढों में वाहन हिचकोले खाते जाते हैं। बारिश के मौसम में परेशानी और अधिक बढ़ जाती है। जर्जर मार्ग के कारण आए दिन होने वाले सड़क हादसे में लोग असमय अपनी जान गवां रहे हैं। सड़क का निर्माण कार्य टेक्नोयूनिक इंफास्ट्रकचर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा किया जा रहा है। मार्ग की जर्जर हालत होने के कारण निजी वाहन से सिंगरौली जाने वाले लोग बाया निगरी होकर चक्कर लगाते हुए सिंगरौली जाना पसंद करते हैं।
सीधी जिले में सात स्टेट हाइवे-
सीधी जिले में सात स्टेट हाइवे हैं, जिसमें तिलवारी-जनकपुर मार्ग (75 किमी), सीधी-व्योहारी मार्ग (80 किमी), चुरहट-बघवार, बेला गोविंदगढ़ मार्ग (60 किमी), सीधी-मउगंज मार्ग (35 किमी), रीवा-गड्डी-रामपुर नैकिन मार्ग (39 किमी), सीधी-टिकरी मार्ग (35 किमी) तथा बहरी से हनुमना मार्ग (55 किमी) शामिल हैं। इनमें से सीधी-टिकरी मार्ग, सीधी-व्योहारी मार्ग, बहरी-हनुमना मार्ग की हालत तो ठीक है लेकिन तिलवारी-जनकपुर मार्ग करीब 14 किमी, चुरहट-बेला मार्ग, सीधी-मउगंज मार्ग करीब 6 किमी, रीवा-गड्डी-रामपुर नैकिन मार्ग करीब 10 किमी तक गड्ढों में तब्दील हो चुकी है, जिससे आवाजाही में परेशानी हो रही है।
रीवा-गड्डी-रामपुर नैकिन का निर्माण स्वीकृत-
गड्ढों में तब्दील हो चुके रीवा-गड्डी-रामपुर नैकिन स्टेट हाइवे का निर्माण कार्य स्वीकृत हो चुका है। बताया गया कि करीब 39 दूरी वाला यह मार्ग जिले के रामपुरनैकिन से रीवा को जोड़ता है, इस मार्ग का घाटी वाला करीब 10 किमी का भाग काफी जर्जर हालत में है जिससे लोग रीवा जाने के लिए इस मार्ग का उपयोग नहीं कर रहे हैं, खराब मार्ग के कारण लोग बाया गोविंदगढ़ व बाया गुढ़ रीवा जाना उचित समझते हैं। इस मार्ग के बन जाने से लोगों को चक्कर लगाना नहीं पड़ेगा।
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