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सीधी

एक अधिकारी को समय-समय पर सुविधा शुल्क थमाते रहिए, फिर कागजी खानापूर्ति कर मामला हो जाएगा रफादफा

2.39 करोड़ के घोटाले में फूटी कौड़ी नहीं वसूल पाया बैंक, कर्मचारियों के हौसले बुलंद

सीधीJan 07, 2019 / 06:20 pm

Anil singh kushwah

Let the officer get the convenience fee, the case will be Rafadfa

Let the officer get the convenience fee, the case will be Rafadfa

सीधी. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक सीधी में जिस तरह की अनियमितता करनी हो आराम से कर सकते हैं, क्योंकि अनियमितता करने के बाद कार्रवाई करने वाला कोई नहीं है। सिर्फ एक अधिकारी को समय-समय पर सुविधा शुल्क थमाते रहिए सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहेगा। ऐसा ही मामला सामने आया है। बैंक के कुछ अधिकारियों द्वारा शासकीय राशि में से 2 करोड़ 39 लाख रुपए का घोटाला कर लिया गया, किंतु विभाग द्वारा कार्रवाई के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर मामले को रफादफा कर दिया गया है। किए गए घोटाले की राशि में से बैंक फूटी-कौड़ी नहीं नसीब कर पाया है। इससे दोषियों के हौसले बुलंद हैं।
नहीं होती किसी पर कार्रवाई
मालूम हो कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक सीधी में अलग-अलग समय में विभिन्न शासकीय मदों से घोटाले के 130 प्रकरण सामने आए हैं। इसमें से 2 करोड़ 39 लाख रुपए बैंक व समिति स्तर पर घोटाले किए गए हैं। इसमें से बैंक प्रशासन द्वारा बताया जा रहा कि पांच प्रकरण में किए गए घोटाले की राशि में से 5 कर्मचारियों के वेतन से वसूली मासिक किस्त बनाकर की जा रही है। शेष 125 मामले में कितनी वसूली की गई, इस प्रश्र का जवाब बैंक प्रशासक के पास नहीं है।
जनप्रतिनिधियों को यह दिया गया जवाब
जिला पंचायत सहकारिता स्थाई समिति के सभापति अखिलेश कुशवाहा द्वारा बैठक में एजेंडा निर्धारित कर गवन खयानत की जानकारी मांगी गई। इस पर बैंक प्रशासक द्वारा जवाब प्रस्तुत किया गया। उसमें कहा गया कि बैंकस्तर पर दो प्रकरण जिसमें 19 लाख 78 हजार का गवन खयानत किया गया है, वहीं समिति स्तर पर 128 प्रकरण में 2 करोड़ 19 लाख 25 हजार राशि का गवन खयानत किया गया है।
कार्रवाई के नाम पर कोरमपूर्ति
बैंक सीइओ द्वारा बताया गया कि 5 कर्मचारियों से की गई गवन की राशि से मासिक वसूली वतन से की जा रही है। बैंक द्वारा प्रस्तुत सूची में 127 प्रकरण धारा 65 में दायर, 50 प्रकरणों में एफआइआर दायर और 128 प्रकरणों में बीमा क्लेम किया जाना दर्शित है, किंतु उक्त कार्रवाई सिर्फ कागजी साबित हो रही है। गवन करने वाले कर्मचारियों को न तो आर्थिक और नहीं नौकरी गवाने का ही नुकसान पहुंचा है।
घोटाले के बाद भी बजा रहे ड्यूटी
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक व समितियों में घोटाले करने वाले एक सैकड़ा से ज्यादा कर्मचारी बेखौक ड्यूटी बजा रहे हैं। घोटाला करने के बाद भी किसी तरह की कार्रवाई न होने से उसी पथ पर अन्य कर्मचारी भी चलने को तैयार हैं, जिसके कारण बैंक की अर्थव्यवस्था की कमर टूट चुकी है।

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