जवाब में इंडिया गठबंधन की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा व पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट ही मैदान में उतरे हैं। वहीं माकपा की नामांकन सभा में वृन्दा करात सहित अन्य ने शिरकत की थी। अब माकपा की सभाओं में पूर्व मंत्री राजेन्द्र पारीक, महादेव सिंह खंडेला, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत,विधायक वीरेन्द्र सिंह, सुरेश मोदी आदि लगातार नुक्कड़ सभाएं भी करने में जुटे है।
प्रचार अभियान में भाजपा व इंडिया गठबंधन दोनों का अब तक सीकर पर ही जोर ज्यादा दिखा है। भाजपा के समर्थन में यहां गृहमंत्री अमित शाह के रोड शो के अलावा मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की तीन बार एंट्री हो चुकी है। प्रत्याशी सुमेधानंद सरस्वती की नामांकन रैली के बाद वे गृह मंत्री के साथ रोड शो व लक्ष्मणगढ़ में जनसभा में चुनावी ताल ठोक चुके हैं।
उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने भी नामांकन रैली से भाजपा की हुंकार भरी थी। वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ रींगस के लाखनी में सभा कर भाजपा को प्रचार में बढ़त दिलाई। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा भी लगातार सभाएं कर रहे हैं। जबकि इंडिया गठबंधन से उतरे माकपा प्रत्याशी अमराराम के समर्थन में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के जनसंपर्क अभियान के अलावा केवल सचिन पायलट ने ही पाटन में बड़ी सभा की है। माकपा के स्टार प्रचारक भी अब तक मैदान में नहीं उतरे है।
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दिलचस्प है कि राजस्थान की सबसे हॉट सीटों में शुमार चूरू व झुंझुनूं में कांग्रेस के राष्ट्र स्तरीय बड़े स्टार प्रचारक की एंट्री अब तक नहीं हुई है। झुंझुनूं में कांग्रेस की ओर से अब तक खेतड़ी में सचिन पायलट की सभा हुई है तो चूरू में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा राहुल कस्वां की नामांकन रैली में ही दिखे। जबकि भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में चूरू में खुद पीएम नरेंद्र मोदी चूरू में सभा तो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा रतनगढ़ में रोड शो कर चुके हैं। झुंझुनूं में भी केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पिलानी में बड़ी सभा हो चुकी है। वहीं सीकर, चूरू व झुंझुनूं जिले की सीटों के लिए सीएम एक-एक बार फिर सभाएं व रोड शो करेंगे।
भाजपा की बड़ी व नुक्कड़ सभाओं में केन्द्र सरकार की उपलिब्धयों को जमकर भुनाया जा रहा है। वहीं मोदी मैजिक के जरिए मतदाताओं में सेंधमारी की पूरी कोशिश है। वहीं पीएम से लेकर सीएम यमुना के पानी को लेकर विपक्ष पर जमकर सियासी हमले बोले है। वहीं पेपर लीक पर सरकार में आने के बाद हुई कार्रवाई के जरिए युवाओं को सांधने की कोशिश है। वहीं महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं की ओर से आधी आबादी के विभिन्न मुद्दों के जरिए वोटर्स में सेंध लगाई जा रही है। भाजपा प्रत्याशी सुमेधानंद सरस्वती की ओर से दस साल में क्षेत्र में हुए विकास कार्य को भी मतदाताओं को याद दिलाई जा रही है।
गठबंधन की ओर से बड़ी व नुक्कड़ सभाओं में यमुना से पानी लाने को लेकर भाजपा सरकार की ओर से पिछले दिनों हुए समझौते को झूठ का पुलिन्दा बताया जा रहा है। वहीं युवाओं को अग्निवीर योजना के जरिए सांधा जा रहा है। माकपा व कांग्रेस नेताओं की ओर से किसान आंदोलन के जरिए भी सरकार को जमकर घेरा जा रहा है। वहीं महिला विंग की ओर से मणिपुर व महिला पहलवानों के मामले को लेकर दर्द भी बताया जा रहा है। गठबंधन के प्रत्याशी अमराराम की ओर से पुराने संघर्ष को याद दिलाते हुए केन्द्र व सांसद की नाकामी गिनाई जा रही है।