दसवीं टॉप करने की राह में कई चुनौतियां आई। लेकिन बेटी ने हार मानने के बजाय संघर्ष के रास्ते को चुना। होनहार निकिता ने बताया कि सुबह पांच बजे से उसकी दिनचर्या शुरू हो जाती थी। इसके अलावा रात 12 बजे तक अपनी बहनों के साथ बैठकर पढ़ाई करती।
आगे लक्ष्य: कलक्टर बनना चाहती है बेटी
होनहार निकिता का कहना है कि वह भविष्य बीएससी के साथ सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करेगी। बेटी का सपना सिविल सेवा में भी टॉप रैंक हासिल कर कलक्टर बनना है।
संदेश: कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं
जीवन में बड़े लक्ष्य को देखकर कभी हार नहीं मााननी चाहिए। उन्होंने बताया कि स्कूल में जो पढ़ाया जाता है उससे पहले वह उस टॉपिक को पूरा तैयार करती। इसके अलावा खुद के नोट्स बनाकर तैयारी की। निकिता ने बताया कि स्कूल से डाउट को दूर करने में काफी सहयोग मिला।