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मामले के अनुसार दांतारामगढ़ स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में वर्ष 2014 में ऋण घोटाला हुआ था। करीब दो दर्जन किसानों को फर्जी दस्तावेजों से ऋण दिए जाने का मामला सामने आया था। तब जिम्मेदारों के खिलाफ पुलिस थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई थी।
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मामला न्यायालय तक में पहुंच गया था, मगर इस मामले में दांतारामगढ़ पुलिस थाने के थानाधिकारियों ने गंभीरता नहीं दिखाई। तीन थानाधिकारी तो ऐसे निकले, जिन्होंने राजस्थान के इस करोड़ों के पीएनबी घोटाले के संबंध में समय पर न्यायालय तक में उपस्थित नहीं हुए। ऐसे में अब दांतारामगढ़ न्यायलय ने दांतारामगढ़ के तत्कालीन तीन थानाप्रभारियों के खिलाफ गिरफ्तार वांरट जारी हुए हैं।
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पीएनबी ऋण घोटाले में लम्बे समय से न्यायालय में उपस्थित नहीं होने पर दांतारामगढ़ के अतिरिक्तमुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दांतारामगढ़ थाने के तत्कालीन थानाप्रभारी पुलिस निरीक्षक धर्मवीर जानू, उपनिरीक्षक सोहनलाल व सुरेन्द्र सैेनी को गिरफ्तार कर न्यायालय मे पेश करने के आदेश दिए हैं।
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इस मामले में तीनों थानाधिकारियों को गवाही के लिए न्यायालय में आना था, लेकिन वे लोग नहीं आए। बार-बार बुलाने पर भी न्यायालय में उपस्थित नहीं होने पर न्यायाधीश ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर 24 मई को तीनों पुलिस अधिकारियों को न्यायालय में तलब किया है।
दांतारामगढ़ पुलिस थाने के तत्कालीन तीन थानाप्रभारी पुलिस निरीक्षक धर्मवीरजानू, उपनिरीक्षक सोहनलाल व सुरेन्द्र सैनी गवाह के तौर पर काफी समय से न्यायालय में उपस्थित नहीं हो रहे थे। अभियोजन अधिकारी हीरलाल कुमावत ने बताया कि विगत तीन माह से वे व्यक्तिगत तौर पर भी उनको सूचित कर चुके तथा पुलिस अधीक्षक को भी बार बार निवेदन कर चुके है उसके बावजूद वे उपस्थित नहीं हो रहे।